महाराष्ट्रः सियासी ड्रामे के बीच राज्यपाल की सिफारिशों को मंजूरी, राज्य में लगा राष्ट्रपति शासन
By रामदीप मिश्रा | Published: November 12, 2019 05:39 PM2019-11-12T17:39:38+5:302019-11-12T18:44:40+5:30
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर हुए चुनावों में 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर गतिरोध लगातार जारी था। इस बीच राज्य में राष्ट्रपित शासन लगा दिया गया है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी। इसके बाद सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
इससे पहले महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिफारिश की। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आये थे लेकिन सरकार बनाने को लेकर राज्य में तस्वीर अब भी साफ नहीं हो सकी है। इधर, शिवसेना ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया है सरकार गठन को लेकर राज्यपाल ने उसे और अधिक समय नहीं दिया है।
President's Rule imposed in the state of #Maharashtra, after the approval of President Ram Nath Kovind. pic.twitter.com/tR3qW4xYbR
— ANI (@ANI) November 12, 2019
हालांकि, इस बीच मुंबई में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक के लिए वाईबी चव्हाण केंद्र पहुंचे। दोनों पार्टियों के नेता आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस शिवसेना को लेकर अपने पत्ते साफ नहीं कर रही है।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर हुए चुनावों में 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। इसके अलावा राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान खत्म हो चुकी है। दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर एकसाथ चुनाव लड़ा और एनडीए को बहुमत भी प्राप्त हुआ, लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए 50:50 का फार्मूला चाहती थी, लेकिन बीजेपी इस पर तैयार नहीं हुई।