राष्ट्रपति कोविंद ने चार्टर्ड एकाउंटेंट को लिया आड़े हाथों, कहा- ऑडिटरों ने अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभाया
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 1, 2018 10:02 PM2018-07-01T22:02:58+5:302018-07-01T22:02:58+5:30
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चार्टर्ड एकाउंटेंट को लोक भरोसे का प्रहरी करार देते हुए आज कहा कि सफेदपोश अपराध होते हैं तो यह सवाल उठाना स्वाभाविक है कि क्या कंपनियों के खातों की आडिटिंग करने वालों ने अपना कर्तव्य सही ढंग से निभाया?
नई दिल्ली, 1 जुलाई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चार्टर्ड एकाउंटेंट को लोक भरोसे का प्रहरी करार देते हुए आज कहा कि सफेदपोश अपराध होते हैं तो यह सवाल उठाना स्वाभाविक है कि क्या कंपनियों के खातों की आडिटिंग करने वालों ने अपना कर्तव्य सही ढंग से निभाया?
बढ़ते सफेदपोश अपराधों व बैंक धोखाधड़ी मामलों के बीच उन्होंने कहा कि समझदारी भरी कर योजना , कर भुगतान से बचने और कर चोरी के बीच स्पष्ट अंतर रेखा है जो इन चीजों को अलग करती है और चार्टर्ड एकाउंटेंट उस ‘ स्पष्ट रेखा ’ के ‘ सरंक्षक ’ हैं। राष्ट्रपति आज यहां भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के प्लेटिनम जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
कोविंद ने चार्टर्ड एकाउंटेंट को करदाताओं व कराधान प्रणाली का सहयोगी तथा लोक भरोसे का प्रहरी बताते हुए कहा कि किसी भी मामले में ‘ कर प्रणाली उतनी ही जटिल है जितना आप उसे बनाना चाहते हैं। ’
बैंक घोटालों , बड़े कर्जदारों के भागने तथा प्रवर्तकों द्वारा धन के गबन की घटनाओं का जिक्र करते हुए कोविंद ने इसे ‘ विश्वास भंग ’ का नमूना बताया। उन्होंने कहा कि जब इस तरह का घटनाक्रम होता है तो आत्मविश्लेषण की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा , ‘‘ ऐसे मौकों पर यह पूछना उचित होगा कि बैलेंस सीट को आडिट करने की जिम्मेदारी रखने वालों ने अपनी ड्यूटी ठीक से निभाई या फिर उन्होंने खेदजनक स्थिति पैदा की है। ’’
राष्ट्रपति ने निष्पक्ष कर प्रणाली के अनुपालन पर जोर देते हुए कहा कि इसका आशय सरकार को राजस्व देने से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर 2017 तक 66 लाख उद्यमों का पंजीकरण हुआ जबकि जीएसटी के एक साल में 48 लाख और उद्यम जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से अनेक श्रेणी की माल व सेवाओं की कीमतें कम हुई हैं और इसका फायदा उपभोक्ताओं को हुआ है। इसने छोटे व मझौले उद्यमों के लिए प्रक्रिया को सरल किया है।
कोविंद ने कहा , ‘ अब तक 45,000 करोड़ रुपये के जीएसटी रिफंड किए गए हैं और यह रिफंड पूरी तरह से आनलाइन व डिजिटल बैंकिंग के जरिए किया गया। लगभग 350 करोड़ के लेनदेन बीजकों पर जीएसटी प्रणाली में काम हुआ । ’