कृषि सुधारों के लिए दो अध्यादेश जारी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी, किसानों को पसंद के बाजार में उत्पाद बेचने की मिलेगी छूट
By भाषा | Published: June 5, 2020 11:44 PM2020-06-05T23:44:12+5:302020-06-05T23:44:12+5:30
सरकार ने ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को अधिसूचित किया। इसका लक्ष्य किसानों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में कृषि उपज को बेचने की छूट देना है।
नई दिल्लीः सरकार ने कृषि सुधार से जुड़े दो अध्यादेशों को शुक्रवार को अधिसूचित कर दिया। यह अध्यादेश किसानों को मुक्त व्यापार में मदद करने और उनकी उपज का बेहतर दाम दिलाने से जुड़े हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘कृषि और संबद्ध गतिविधियों में लगे किसानों और ग्रामीण भारत को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के लिए भारत के राष्ट्रपति ने इन अध्यादेशों को अपनी मंजूरी दे दी है।’’
सरकार ने ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को अधिसूचित किया। इसका लक्ष्य किसानों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में कृषि उपज को बेचने की छूट देना है।
वहीं, एक अन्य अध्यादेश के जरिये मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020 किसानों को प्रसंस्करण इकाइयों, थोक व्यापारियों, बड़ी खुदरा कंपनियों और निर्यातकों के साथ पहले तय कीमतों पर समझौते की छूट देगा।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर इन सुधारों को सफल तरीके से लागू करने में सहयोग करने के लिए कहा। उन्होंने नये सुधारों के परिवेश में कृषि क्षेत्र के विकास और वृद्धि में उनके लगातार समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया।
इधर, कोरोनो वायरस महामारी से कई क्षेत्रों को प्रभावित हुए हैं लेकिन कृषि का क्षेत्र एकमात्र सकारात्त्मक संकेत देने वाला क्षेत्र बना हुआ है। कृषि में वर्ष 2020-21 के दौरान 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। क्रिसिल रिसर्च की रिपोर्ट में हालांकि जोखिमों को सूचीबद्ध किया गया है जैसे कि टिड्डियों के हमले की संभावना और बागवानी उत्पादों पर लॉकडाउन का प्रभाव।
महामारी और उसके बाद लॉकडाउन के कारण, खाद्यान्नों की तुलना में बागवानी उपज की मांग अधिक प्रभावित होने की संभावना है। खाद्यान्नों के लिए, सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खरीद का समर्थन है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे किसानों को उनके उत्पादन लागत पर 50-83 प्रतिशत लाभ मिलने का आश्वासन दिया गया है। बागवानी उत्पादन जल्दी खराब होने वाले होते है। मंडियों में इनकी आवक में भारी कमी होने के बावजूद अप्रैल में इनके थोक कीमतों में गिरावट आई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई बागवानी उत्पादों की खड़ी फसलें, बिक्री की समस्या के कारण जिनकी कटाई नहीं की गई, उन पर टिड्डियों के हमले हुए।