जस्टिस रंजन गोगोई होंगे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश, लेंगे CJI दीपक मिश्रा की जगह
By आदित्य द्विवेदी | Published: September 13, 2018 07:31 PM2018-09-13T19:31:15+5:302018-09-13T19:47:10+5:30
जस्टिस रंजन गोगोई भारत के नए मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा की सेवानिवृत्ति के बाद संभालेंगे पदभार।
नई दिल्ली, 13 सितंबरःजस्टिस रंजन गोगोई भारत के नए मुख्य न्यायाधीश होंगे। गुरुवार राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी। वो जस्टिस दीपक मिश्रा की जगह लेगें जिनका कार्यकाल 3 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। जस्टिस गोगोई 3 अक्टूबर को देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश ने रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश सरकार को भेजी थी। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति ने नियुक्ति पर मुहर लगा दी। उनका कार्यकाल 17 नवंबर 2019 तक रहेगा।
जस्टिस रंजन गोगोई 28 फरवरी 2001 में गुवाहाटी हाई कोर्ट के जज नियुक्त किए गए थे। उन्हें 12 फरवरी 2011 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया और 2012 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए। जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर के राज्य असम के रहने वाले हैं। इस साल सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाने वाले जजों में वो भी शामिल थे।
President of India has appointed Justice Ranjan Gogoi as the next Chief Justice of India. He will assume office on 3rd October, 2018 after the retirement of the current Chief Justice, Justice Dipak Misra. pic.twitter.com/UAIe6P8qNV
— ANI (@ANI) September 13, 2018
न्यायमूर्ति गोगोई की अगले प्रधान न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति को लेकर अटकलें तब शुरू हो गई थीं जब न्यायमूर्ति गोगोई सहित उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने इस वर्ष जनवरी में एक संवाददाता सम्मेलन किया था।इस संवाददाता सम्मेलन में न्यायाधीशों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति मिश्रा की आलोचना की थी। चारों न्यायाधीशों ने विशेष तौर पर कुछ पीठों को मामलों के आवंटन का मुद्दा उठाया था।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित प्रतिवेदन (एमओपी) के अनुसार ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश की नियुक्ति होनी चाहिए जिसे उस पद के लिए उचित माना जाए।’’ इस प्रक्रिया के तहत सीजेआई से सिफारिश प्राप्त होने के बाद कानून मंत्री उसे प्रधानमंत्री के समक्ष रखते हैं जो इस मामले में राष्ट्रपति को सलाह देते हैं।
दस्तावेज में उल्लेख है, ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद संभालने के लिए वरिष्ठतम न्यायाधीश की फिटनेस को लेकर यदि कोई संदेह हो तो भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अन्य न्यायाधीशों के साथ सलाह मशविरा किया जाएगा।’’
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल में कहा था कि अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर सरकार के इरादे पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि परंपरा के तहत वर्तमान प्रधान न्यायाधीश द्वारा अगले प्रधान न्यायाधीश के लिए नाम सुझाने पर कार्यपालिका निर्णय लेगी।
समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट्स लेकर