"विधवा और आदिवासी होने के कारण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नहीं बुलाई गईं नये संसद के उद्घाटन में", उदयनिधि स्टालिन ने फिर दिया विवादित बयान
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 21, 2023 08:19 AM2023-09-21T08:19:02+5:302023-09-21T08:22:23+5:30
उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए केवल इस कारण से आमंत्रित नहीं किया क्योंकि वह एक विधवा थीं और आदिवासी समुदाय से आती हैं।
चेन्नई: सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी के कारण सियासी चर्चा में तेजी से उभरे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और सूबे के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बीते बुधवार को एक और बेहद विवादित टिप्पणी की है। इस बार उदयनिधि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबंध में एक बयान देते हुए मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया है।
समाचार वेबसाइट मिंट के अनुसार मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे ने उदयनिधि ने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए केवल इस कारण से आमंत्रित नहीं किया क्योंकि वह एक विधवा थीं और आदिवासी समुदाय से आती हैं।
उदयनिधि ने मदुरै में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया। मोदी सरकार ने उद्घाटन के लिए तमिलनाडु से ब्राह्मणों को बुलाया, लेकिन भारत के राष्ट्रपति को नहीं बुलाया क्योंकि वह एक विधवा हैं और एक आदिवासी समुदाय से आती हैं। क्या यही सनातन धर्म है?"
बीते मई में जब नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था तो उसके समारोह में भाग लेने के लिए चेन्नई से 21 ब्राह्मणों को आमंत्रित किया गया था।
सनातन विवाद की आग में एक बार फिर से घी डालते हुए उदयनिधि ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों के बीच कहा, ''हम सनातन के खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगे। इस मामले में हमारी राय एकदम स्पष्ट है और हम किसी के आगे झुकने वाले नहीं हैं।''
नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम लगातार इस परीक्षा का विरोध कर रहे हैं। उदयनिधि ने कहा कि नीट परीक्षा को रद्द करने के लिए एक उदयनिधि पर्याप्त नहीं है, बल्कि सभी को उदयनिधि बनना होगा और मैदान में आकर लड़ना होगा।
उन्होंने कहा, “हम लगातार नीट परीक्षा का विरोध कर रहे हैं। हमने विधानसभा में दो बार प्रस्ताव पारित किया है। अगर हमें नीट परीक्षा रद्द करनी है तो एक उदयनिधि पर्याप्त नहीं है। उन सभी को उदयनिधि बनकर मैदान में लड़ना चाहिए।”