राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खरीदी साड़ी और यूपीआई से किया डिजिटल पेमेंट, हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों से चर्चा की

By मुकेश मिश्रा | Published: September 18, 2024 08:15 PM2024-09-18T20:15:24+5:302024-09-18T20:17:19+5:30

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर प्रवास के दौरान मृगनयनी एंपोरियम में बुनकरों द्वारा हाथकरघा पर तैयार की गई रेशम एवं कॉटन की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियों को देखा । इस दौरान उन्होंने आदिवासी क्षेत्र के हस्तशिल्पी,बुनकरों एवं जनजाति कारीगरों से रूबरू होकर चर्चा की और उनकी कला को सराहा ।

President Draupadi Murmu bought saree and made digital payment through UPI discussed with artisans and craftsmen | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खरीदी साड़ी और यूपीआई से किया डिजिटल पेमेंट, हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों से चर्चा की

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खरीदी साड़ी और यूपीआई से किया डिजिटल पेमेंट

Highlightsराष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने हस्तशिल्पियों एवं जनजाति कारीगरों से रूबरू चर्चा कीजनजाति संस्कृति एवं कला को संर‍क्षित रखने में कलाकारों का योगदान महत्वपूर्ण - राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मूहस्तशिल्पियों एवं जनजाति कलाकारों की कला को राष्ट्रपति ने सराहा

इंदौर: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर प्रवास के दौरान मृगनयनी एंपोरियम में बुनकरों द्वारा हाथकरघा पर तैयार की गई रेशम एवं कॉटन की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियों को देखा । इस दौरान उन्होंने आदिवासी क्षेत्र के हस्तशिल्पी,बुनकरों एवं जनजाति कारीगरों से रूबरू होकर चर्चा की और उनकी कला को सराहा । कलाकारों द्वारा राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को अपने हाथों से निर्मित हस्तशिल्प भी भेंट किया गया। यह सभी कलाकार अपनी विधा में पारंगत हैं  और राष्ट्रीय स्तर पर इनकी एक अलग ही पहचान है। यह सभी कलाकार राष्ट्रपति महोदया से मुलाकात को लेकर बहुत उत्साहित थे और उनसे मिलकर बहुत खुश हैं कि उन्हें देश के सर्वोच्च पद पर आसीन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से रुबरु मिलने व चर्चा करने का अवसर मिला। 

इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक एवं सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने इन कलाकारों से चर्चा के दौरान कहा कि हमारी पुरानी संस्कृति एवं परम्परा को संजो कर एवं संरक्षित रखने की जरूरत है। यह कलाकार इसमें अच्छा योगदान दे रहे हैं। इन्हें प्रोत्साहन देने की जरूरत है। जिससे इन कलाकारों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को इन सभी कलाकारों ने अपने द्वारा निर्मित सामग्री भेंट दी। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने इन कलाकारों के आग्रह पर उनके साथ तस्वीर भी खिंचवाई।  

धार जिले के कारीगर मुबारिक खत्री से चर्चा के दौरान राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने उनकी कला के बारे में जानकारी ली और पूछा कि वे कब से यह काम कर रहे हैं। इस पर मुबारिक खत्री ने बताया कि उनकी 11 पीढ़ियों से बाग प्रिंट का कार्य किया जा रहा है। वे अपनी इस कला को आने वाली पीढ़ियों को भी सिखा रहे हैं। उन्होंने कॉटन के कपड़े पर बाग प्रिंट कैसे किया जा सकता है, यह करके भी दिखाया और बताया कि अब बांस एवं सिल्क की साड़ियों पर भी बाग प्रिंट किया जाता है। 

खरगोन जिले के महेश्वर के बुनकर श्री अलाउद्दीन अंसारी ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हथकरघा साड़ी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी में दोपहर के समय सूर्य की जो किरणें पड़ती हैं और उनसे नदी में जो लहरें चमकती हैं, उन्हीं लहरों का प्रिंट हथकरघा साड़ियों की बॉर्डर पर उतारा जाता है। श्रीमती मुर्मू इस कलाकारी से बहुत प्रभावित हुई और उन्होंने पूछा कि वे यह काम कब से कर रहे हैं। तब अलाउद्दीन अंसारी ने बताया कि उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी यह कार्य कर रहा है। वर्तमान समय में वे अपने इस कार्य से 300 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं, जिसमें 70 महिलाएं शामिल हैं। 

वर्तमान में भोपाल निवासी एवं मूलत: डिंडोरी की निवासी गोंड भित्तिचित्र की कलाकार पदमश्री  श्रीमती दुर्गा बाई व्याम की कला को देखकर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू बहुत प्रभावित हुई और उसकी इस बात के लिये सराहना की कि वे संस्कृति एवं कला को जीवित रखने और उसे आगे बढ़ाने के लिये कार्य कर रही हैं। दुर्गा बाई ने बताया कि वे बच्चों को इस कला को सीखा रही है और एक संस्था के माध्यम से अन्य लोगों को भी नि:शुल्क इस कला का प्रशिक्षण दे रही है। 

झाबुआ जिले के कलाकार दंपत्ति पदमश्री  रमेश एवं श्रीमती शांति परमार द्वारा निर्मित गुड़ियों को देखकर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने उनसे पूछा कि क्या यह गुड़िया मिट्टी से बनाई गई है। तब इन कलाकारों ने बताया कि उनके द्वारा कपास एवं कपड़े से आकर्षक गुड़ियों का निर्माण किया जाता है। वे अपनी इस कला को जीवित रखने के ‍लिये अन्य लोगों को भी नि:शुल्क प्रशिक्षण देते हैं। उन्होंने बताया कि बाजार, मेलों में वे जितनी गुड़िया लेकर जाते हैं, वे सभी बिक जाती हैं। 

राष्ट्रपति ने खरीदी साड़ी और यूपीआई से किया डिजिटल पेमेंट

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने मृगनयनी एंपोरियम में हथकरघा पर निर्मित साड़ियों को देखा और उनकी कलाकारी देखकर प्रसन्न हुई। वहां कार्यरत महिला कर्मचारियों से उन्होंने साड़ियों के नाम एवं पेटर्न की जानकारी ली। इस पर उन्हें चंदेरी, महेश्वरी, कॉटन एवं सिल्क की साड़ियां दिखायी गई और उनके बारे में विस्तार से बताया गया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने वहां की म‍हिला कर्मचारियों से अपनी पसंद की हल्के रंग की एक साड़ी उनके लिये चुनने का अनुरोध किया। जिस पर सरिता गव्हाड़े ने उन्हें हल्के पिंक रंग की महेश्वरी साड़ी पसंद कर दी। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने इस साड़ी का काउंटर पर जाकर यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान भी किया। काउंटर के कर्मचारी कविता भिलवारे एवं विपुल सिंह द्वारा डिजिटल पेमेंट जमा कराया गया। 

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भेंट की चंदेरी साड़ी

राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के मृगनयनी एम्पोरियम इंदौर में हस्तशिल्प कलाकारों से संवाद एवं उनकी कला के अवलोकन अवसर पर राष्ट्रपति जी को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी प्रदेश की ओर से चंदेरी साड़ी भेंट की।

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