बाबा बर्फानी के दर्शन करना होगा आसान, अमरनाथ गुफा तक अब सड़क बनाने की तैयारी, बीआरओ देगा इस मिशन को अंजाम
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 22, 2022 03:13 PM2022-09-22T15:13:15+5:302022-09-22T15:13:15+5:30
अमरनाथ गुफा तक सड़क बनाने की तैयारी की जा रही है। इससे वहां दर्शन के लिए पहुंचने वाले लोगों के लिए यात्रा काफी आसान हो सकती है। बीआरओ ने कहा है कि वह इस इलाके में दो साल में पक्की सड़क तैयार कर सकता है।
जम्मू: आने वाले दिनों में संभव है अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए आपको पैदल नहीं चलना पड़ेगा और आपका वाहन गुफा से थोड़ी ही दूर खड़ा हो सकता है। इसकी पुष्टि उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी एक समाचारपत्र को दिए गए साक्षरात्कार में की है। इसके लिए सीमा सडक संगठन (बीआरओ) को अमरनाथ गुफा तक पहुंचने वाले सभी सड़क मार्ग बनाने के लिए कह दिया गया है।
जानकारी के लिए सीमा सड़क संगठन भी अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सड़क बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अमरनाथ यात्रा दुर्गम तीर्थस्थल में से एक है जहां 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित बर्फीले पहाड़ों में बनी गुफा में बनने वाले स्वयंभू हिमलिंग के दर्शनों के लिए भक्त जाते हैं। हालांकि सभी का स्वास्थ्य 29 किमी लंबी दुर्गम पैदल यात्रा करने की अनुमति नहीं देता।
वैसे अधिकारियों ने बताया कि एक बार सड़क बन जाने के बाद अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बैटरी चलित कारों को चलाने की तैयारी की जा सकती है। विभागीय अधिकारियों को बैटरी कारों को चलाने की संभावनाएं तलाशने को अभी से कह दिया गया है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड श्रीनगर से गुफा तक हेलिकॉप्टर सेवा को पहले ही आरंभ कर चुका है। जमीनी स्तर पर इन नई व्यवस्थाओं से देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी।
अमरनाथ गुफा पहलगाम से 45 किमी दूर तथा बालटाल से 13 किमी दूर है। यहां पर सड़क का निर्माण स्थानीय लोक निर्माण के वश का काम नहीं है लेकिन सीमा सड़क संगठन इसको पूरा कर सकता है जिसने इसके लिए कई साल पहले पेशकश भी की थी और अब उसे स्वीकार कर लिया गया है।
अगर यह सड़क बन जाती है तो मुंबई, कलकत्ता आदि के शहरों से भी श्रद्धालु अपने अति व्यस्त समय में से तीन-चार दिनों का समय निकाल अमरनाथ की गुफा में बनने वाले पवित्र हिमलिंग के दर्शन कर सकेंगे। माना जा रहा है कि अगर अमरनाथ गुफा तक सड़क का निर्माण हो जाता है तो हिमलिंग के दर्शनार्थ आने वालों की सख्ंया तो बढ़ेगी ही पिछले 33 सालों से आतंकवाद से जूझ रही कश्मीर घाटी में पर्यटकों की भीड़ भी बढ़ेगी।
सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों द्वारा सड़क निर्माण के लिए दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, एक वर्ष के दौरान उनके कर्मी सड़क की कच्ची मिट्टी को काट कर सड़क में बदल देंगें और उसके अगले वर्ष उसे पक्का कर देंगें। वे दो वर्ष का समय इसलिए मांग रहे हैं क्योंकि साल में करीब 6 महीने यात्रा मार्ग बर्फ के कारण ढका रहता है।