बिहार में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ मानव श्रृंखला की तैयारियां जोरों पर, सियासी बयानबाजी भी है जारी

By एस पी सिन्हा | Published: January 19, 2020 06:52 AM2020-01-19T06:52:02+5:302020-01-19T06:52:02+5:30

राजद में अब नीतीश कुमार की प्रशंसा करने वालों की तादाद बढ़ने लगी है. पहले महेश्वर यादव अकेले विधायक थे जो नीतीश कुमार का खुलकर गुणगान किया करते थे, लेकिन अब विधान पार्षद संजय प्रसाद ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस अभियान की तारीफ कर सबको हैरत में डाल दिया है.

Preparations of human chain against water-life-greenery, de-addiction, child marriage and eradication of dowry system in Bihar in full swing, political rhetoric is also going on | बिहार में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ मानव श्रृंखला की तैयारियां जोरों पर, सियासी बयानबाजी भी है जारी

बिहार में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ मानव श्रृंखला की तैयारियां जोरों पर, सियासी बयानबाजी भी है जारी

जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ रविवार 19 जनवरी को बनने वाली मानव श्रृंखला को लेकर एक तरफ जहां तैयारियां जोरो पर है, तो वहीं सियासी महकमे में भी इसे लेकर हलचलें तेज हो गई हैं. इन सबके बीच सबसे लंबी मानव श्रृंखला बना एक बार फिर से बिहार इतिहास रचने को तैयार है. 

उधर, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भले ही जल जीवन हरियाली अभियान को लेकर नीतीश कुमार का पर जुबानी हमला बोल रहे हों और उनके पिता लालू प्रसाद यादव व मां राबडी देवी भले ही नीतीश कुमार पर तंज कस रहे हों, लेकिन उनकी पार्टी राजद के कुछ नेता मानव श्रृंखला की प्रशंसा कर रहे हैं और साथ ही नीतीश कुमार की भी सराहना कर रहे हैं. विपक्ष के कुछ नेताओं ने भी कल बनने वाली मानव श्रृंखला की प्रशंसा की है. 

हालात ये हैं कि राजद में अब नीतीश कुमार की प्रशंसा करने वालों की तादाद बढ़ने लगी है. पहले महेश्वर यादव अकेले विधायक थे जो नीतीश कुमार का खुलकर गुणगान किया करते थे, लेकिन अब विधान पार्षद संजय प्रसाद ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस अभियान की तारीफ कर सबको हैरत में डाल दिया है. खास बात ये कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से यह अपील भी की है कि वो पार्टी लाइन से ऊपर उठकर 19 जनवरी को होने वाले मानव श्रंखला में जरूर शामिल हों. 

वहीं, बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि जल जीवन हरियाली राज्य हित, देश हित और समूचे मानव हित में है. इससे लोगों के बीच ना सिर्फ पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता आएगी बल्कि बढते प्रदूषण को रोकने में यह अभियान बहुत हद तक सहायक भी होगा. हालांकि सदानंद सिंह कांग्रेस के अकेले नेता हैं जिन्होंने नीतीश कुमार के इस अभियान की प्रशंसा की है. वहीं, मानव श्रंखला में शामिल होने के सवाल को उन्होंने टालते हुए कहा कि समय और परिस्थिति तय करेगा कि हम मानव श्रंखला में शामिल हों या न हों.

वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी की मानें तो यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जलवा ही है जिसके चलते विरोधी भी अब उनके मुरीद होने लगे हैं. हजारी ने विपक्षी पार्टियों से अपील करते हुए कहा कि राजनीति और दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी पार्टियां इस बडे अभियान में जरूर शामिल हों. ऐसे में सियासी गलियारे में इसबात की चर्चा है कि राजद विधायकों का ऐसा हृदय परिवर्तन, ऊपर से सदानंद सिंह जैसे कांग्रेस के बडे नेता का इस तरह से नीतीश कुमार के अभियान का समर्थन करना, आखिर क्या बताता है?  

कहा तो ये जा रहा है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में महज नौ महीने ही शेष बचे हैं, ऐसे समय में नेताओं का ये हृदय परिवर्तन महागठबंधन के लिए घातक साबित हो सकता है. हालांकि कांग्रेस के भीतर भी दो मत, किसी ने नीतीश को सराहा, किसी ने विरोध भी जताया है. एक ओर जहां सदानंद सिंह ने मानव श्रृंखला की जमकर प्रशंसा की है, तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा ने इसकी कडी आलोचना की है.

 मदन मोहन झा ने मानव श्रृंखला पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किस बात की मानव श्रृंखला, जबकि इस सरकार की मानवता तक मर चुकी है. शिक्षकों और विद्यार्थियों को कतार में लगा कर मुख्यमंत्री अपना चेहरा चमकाने का प्रयास कर रहे हैं, पर अगर थोडा भी ध्यान राज्य की शिक्षा पर दिया होता तो बिहार में शिक्षा का यह हाल ना होता. नीति आयोग की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिदिन अपहरण, दुष्कर्म व लूट की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन इस तरफ राज्य सरकार का ध्यान नहीं है. इन घटनाओं पर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए.

इसबीच पूर्व मुख्‍यमंत्री राबडी देवी ने ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश जी ने शराबबंदी पर श्रृंखला की थी, हमने समर्थन भी किया था. लेकिन क्या उससे शराब बंद हुई? नहीं ना?‬ ‪बाल विवाह और दहेज पर भी करोडों खर्च कर मानव श्रृंखला बनाई? क्या हुआ? अब मुख्यमंत्री ने इनका जिक्र करना भी छोड दिया है. अब एक और श्रृंखला की नौटंकी? क्यों गरीबों का हक खा रहे हैं?‬ इसतरह से बिहार में मानव श्रृंखला को लेकर चारो तरफ गहमा गहमी का माहौल है.

Web Title: Preparations of human chain against water-life-greenery, de-addiction, child marriage and eradication of dowry system in Bihar in full swing, political rhetoric is also going on

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