प्रेसवार्ता में नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर ने लगाए ये 10 बड़े आरोप
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 18, 2020 12:19 PM2020-02-18T12:19:43+5:302020-02-18T12:31:55+5:30
बिहार में लंबे दिनों से नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच चली आ रही तरकरार पर प्रशांत किशोर ने खुलकर बात की और दोनों के बीच में मतभेद के कारण बताए।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पिता तुल्य बताया। साथ ही उन्हें कुर्सी के लिए पिछलग्गू नेता न बने रहने की सलाह भी दी। नीतीश कुमार से मतभेद पर प्रशांत किशोर ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर खुलकर चर्चा की। प्रशांत किशोर की नजर में नीतीश कुमार बिहार के विकास के लिए हमेशा खड़े रहे हैं लेकिन इस क्रम में भाजपा के साथ गठबंधन करना सरासर गलत है। आइये जानते हैं प्रशांत किशोर ने नीतीश से मतभेद की क्या वजहें बताईं...
1. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश जी जब गांधी के विचारों पर आवाज उठा रहे हैं तो फिर उसी समय में गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ कैसे खड़े हो सकते हैं।
2. गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते। नीतीश गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ।
3. जिस भाजपा के साथ 2004 के बाद से रहे हैं और आज जिस तरह से रहे हैं। उसमें जमीन आसमान का फर्क है।
4. भाजपा के साथ से क्या बिहार की इतनी तरक्की हो गई, जिसकी आकांक्षा यहां के लोगों की है। क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्ज मिल गया।
5. नीतीश जी ने साइकिल बांटी, पोशाक भी दिए, मगर अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए। शिक्षा के मामले में बिहार आज भी नीचले स्तर का राज्य है।
6. उन्होंने कहा कि बिजली हर घर में पहुंची है पिछले दस साल में, मगर हाउसहोल्ड के स्तर पर बिजली उपभोग में बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है।
7. नीतीश कुमार लालू राज से तुलना कर अपने विकास का गुणगान करवा रहे हैं। मगर मैं पूछता हूं कि वे हरियाणा-गुजरात के विकास से तुलना क्यों नहीं करते? क्यों 2005 की तुलना कर रहे हैं।
8. दिल्ली में 40 से ज्यादा लोग जलकर मर गए। ज्यादातर लोग बिहार-यूपी के थे। अगर 15 साल में खूब तरक्की हुई है तो फिर बिहार के लोग वहां जाकर क्यों मर रहे हैं।
9. किसी का पिछलग्गु बना नेतृत्व बिहार की स्थिति नहीं बदल सकता। लोग ये सुनकर थक गए हैं कि लालू राज में ये खराब था, वो खराब था..
10. बिहार हमेशा पोस्टकार्ड वाला ही राज्य बना रहे, यह मैं नहीं चाहता हूं। फेसबुक और ट्विटर पर सिर्फ गुजरात के लोगों का एकाधिकार नहीं। गुजरात के लोगों को सीखाने वाले भी बिहार के ही थे। मैं चाहता हूं कि बिहार के लड़के भी ट्विटर और फेसबुक चलाएं।