प्रशांत किशोर गांधी जयंती के दिन बिहार में शुरू करेंगे 3,500 किलोमीटर का 'जन सुराज अभियान'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 1, 2022 10:13 PM2022-10-01T22:13:06+5:302022-10-01T22:18:00+5:30

गांधी जयंती के दिन 'जन सुराज यात्रा' शुरू कर रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर किशोर बिहार में सत्ता की भागीदारी निभा रहे जदयू, राजद, कांग्रेस समेत तमाम दलों को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।

Prashant Kishor will start 3,500 km 'Jan Suraj Abhiyan' in Bihar on Gandhi Jayanti | प्रशांत किशोर गांधी जयंती के दिन बिहार में शुरू करेंगे 3,500 किलोमीटर का 'जन सुराज अभियान'

फाइल फोटो

Highlightsचुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर गांधी जयंती के मौके पर शुरू करेंगे बिहार में 'पदयात्रा' चंपारण से शुरू कर रहे 'जन सुराज' अभियान के तहत प्रशांत किशोर 3,500 किलोमीटर तय करेंगे प्रशांत किशोर की पदयात्रा भी कांग्रेस द्वारा शुरू की गई 'भारत जोड़ो यात्रा' की तरह है

पटना: चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व नेता प्रशांत किशोर रविवार को गांधी जयंती के मौके पर चंपारण से 'जन सुराज' अभियान के तहत बिहार की 3,500 किलोमीटर की 'पदयात्रा' शुरू करेंगे। प्रशांत किशोर की पदयात्रा भी कांग्रेस द्वारा दक्षिण भारत से शुरू की गई 'भारत जोड़ो यात्रा' की तरह है लेकिन किशोर के पदयात्रा का दायर कांग्रेस की पदयात्रा से छोटी होगा और केवल बिहार की सीमा में रहेगी।

समाचार वेबसाइट द टेलीग्राफ के मुताबिक प्रशांत किशोर कांग्रेस में न शामिल हो पाने के बाद अपने जीवन के महत्वपूर्ण कदम की ओर बढ़ा रहे हैं। किशोर का प्रयास है कि वो बिहार में सत्ता की भागीदारी निभा रहे जदयू, राजद, कांग्रेस समेत तमाम दलों को चुनौती दें, जो केंद्र की सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं।

प्रशांत किशोर की इस पदयात्रा को सीधे तौर पर राज्य में सत्ताधारी महागठबंधन के खिलाफ देखा जा रहा है, जिसकी अगुवाई नीतीश कुमार कर रहे हैं। जिनसे राजनीतिक विरोध के बाद प्रशांत किशोर जदयू से अलग हो गये थे। उसके बाद प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने का प्रयास किया था लेकिन वहां से झटका मिलने के बाद प्रशांत किशोर कांग्रेस पर खासा आक्रमक रूख अख्तियार किये हुए हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा था कि कांग्रेस अपने नीतियों के कारण गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार का सामने करेगी। कांग्रेस के चिंतन शिविर पर तंज करते हुए किशोर ने कहा, उससे कांग्रेस को कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है, जबकि कि कांग्रेस अपने में मूलभूत बदलाव न करे।

प्रशांत किशोर ने अपनी सुराज यात्रा के बारे में दावा किया है कि बिहार जेपी की कर्मभूमि है और यही से पनपने वाला बदलाव देश को दशा और दिशा देता है। इसलिए वो अपनी इस यात्रा को बिहार में कर रहे हैं ताकि यहां के लोगों को एक बार फिर से जागरूक किया जा सके और राजनीति के नये विकल्पों को जनता के सामने रखा जा सके।

किशोर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उनकी सुराज यात्रा बिहार के हर पंचायत और ब्लॉक तक पहुंचने का प्रयास करेगी और वो बिना किसी ब्रेक के इस यात्रा का अंत करेंगे। उन्होंने इस यात्रा को चंपारण के भितिहारवा से शुरू कर रहे हैं, जहां से 1917 में महात्मा गांधी ने अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।

प्रशांत किशोर ने कहा कि आज न केवल समाज बल्कि राज्य और सरकारों को भी बदलने की आवश्यकता है। शासन व्यवस्था को बदलने के लिए अच्छे लोगों का राजनीति में आने बेहद जरूरी है। इसलिए इस सुराज यात्रा की शुरूआत की जा रही है।

किशोर ने बयान के अंत में कहा कि इस यात्रा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं, जिसमें जमीनी स्तर पर सही लोगों की पहचान करना, उन्हें लोकतांत्रिक मंच पर साथ लाना शामिल है। इसके अलावा यह यात्रा शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मिलकर राज्य के लिए बेहतर दृष्टि दस्तावेज बनाने का भी काम करेगी।

Web Title: Prashant Kishor will start 3,500 km 'Jan Suraj Abhiyan' in Bihar on Gandhi Jayanti

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