लखीमपुर खीरी की घटना पर प्रशांत किशोर का ट्वीट, ट्विटर पर भिड़े कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस नेता, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम ममता पर की टिप्पणी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 9, 2021 02:08 PM2021-10-09T14:08:38+5:302021-10-09T14:09:54+5:30

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच संबंध शुक्रवार को उस समय और निचले स्तर पर पहुंच गए जब ममता बनर्जी की पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल गांधी की हार पर कटाक्ष किया और पूछा कि क्या कांग्रेस ट्विटर ट्रेंड के जरिये इस हार को मिटा सकती है।

Prashant Kishor tweet Lakhimpur Kheri incident Congress and Trinamool Congress leader Bhupesh Baghel commented CM Mamta | लखीमपुर खीरी की घटना पर प्रशांत किशोर का ट्वीट, ट्विटर पर भिड़े कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस नेता, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम ममता पर की टिप्पणी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसको लेकर किशोर पर परोक्ष रूप से निशाना साधा।

Highlightsप्रशांत किशोर ने मार्च-अप्रैल के विधानसभा चुनाव में टीएमसी के लिए काम किया था।देश की सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) से जुड़ी समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं हैं।लखीमपुर खीरी मामले से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोगों को निराशा हो सकती है।

नई दिल्लीः जानेमाने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर ट्वीट किया है। इसके बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता आपस में भिड़ गए। एक-दूसरे पर कई आरोप लगाए। 

 

 

कांग्रेस में शामिल होने को लेकर चलीं अटकलों के कुछ हफ्ते बाद जानेमाने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को कहा कि लखीमपुर खीरी मामले से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोगों को निराशा हो सकती है क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी से जुड़ी समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसको लेकर किशोर पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के चुनाव नहीं जीत पाने वाले नेताओं को अपने पाले में मिलाकर ‘राष्ट्रीय विकल्प’ बनने की उम्मीद कर रहे लोगों को बहुत निराशा होगी क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के मुद्दे का कोई त्वरित समाधान नहीं हो सकता। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रशांत किशोर की टिप्पणी को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि वह किसी ‘कंसल्टेंट’ की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।

प्रशांत किशोर ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब कुछ हफ्ते पहले तक उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। उनकी इस टिप्पणी से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनके फिलहाल कांग्रेस में शामिल होने की संभावना धूमिल हो गई हैं। किशोर ने ट्वीट किया, ‘‘लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर देश की सबसे पुरानी पार्टी की अगुवाई में विपक्ष के त्वरित और स्वाभाविक रूप से उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोग निराश हो सकते हैं। दुर्भाग्यवश सबसे पुरानी पार्टी में लंबे समय से घर कर चुकी समस्याओं और ढांचागत कमजोरियों का कोई त्वरित समाधान नहीं है।’’

उनकी इस टिप्पणी पर बिना नाम लिए पलटवार करते हुए बघेल ने ट्वीट किया, ‘‘ कांग्रेस के उन पदाधिकारियों को अपने पाले में मिलाने के आधार पर राष्ट्रीय विकल्प बनने की उम्मीद कर रहे लोग को घोर निराशा होने वाली है जो अपनी सीट भी नहीं जीत सकते। दुर्भाग्य से राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए गहरे और सतत प्रयासों की जरूरत है तथा इसका कोई त्वरित समाधान नहीं है।’’ सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं किसी कंसल्टेंट की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान पर उन्होंने कहा, ‘‘ राजनीति में सबको कोशिश करने का अधिकार है, पर आखिर में जिसे जनता स्वीकारेगी, वही आगे बढ़ पाएगा और जनता की लड़ाई जमीन पर केवल और केवल उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी जी और राहुल गांधी जी लड़ रहे हैं।’’

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मौके पर जाते समय हिरासत में लिया गया था और वह दो दिनों तक पुलिस की अभिरक्षा में थीं। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी।

भाजपा के खिलाफ विपक्षी मोर्चे का नेतृत्व करने की इच्छा रखने वाले दोनों दलों के बीच शुक्रवार सुबह ट्विटर पर उस समय वाकयुद्ध शुरू हुआ जब चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए एक संदेश में कहा कि जो लोग लखीमपुर खीरी की घटना के बाद सबसे पुरानी पार्टी (जीओपी) कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के त्वरित पुनरुद्धार की संभावना तलाश कर रहे हैं, वे बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं।

किशोर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर जीओपी (कांग्रेस) के नेतृत्व वाले विपक्ष के त्वरित, सहज पुनरुद्धार की संभावना तलाश कर रहे लोग बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''दुर्भाग्य से जीओपी की गहरी समस्याओं और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है।''

बघेल जाहिर तौर पर कांग्रेस की पूर्व सांसद और इसकी महिला इकाई की प्रमुख सुष्मिता देव तथा गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो को तृणमूल कांग्रेस में शामिल किए जाने का जिक्र कर रहे थे। भाजपा के खिलाफ लड़ाई में कथित रूप से विफल होने पर कांग्रेस की आलोचना करने वाली टीएमसी ने बघेल की टिप्पणी को ''आलाकमान को खुश करने का घटिया प्रयास'' कहा।

टीएमसी ने पटलवार करते हुए ट्वीट किया, ''पहली बार मुख्यमंत्री बने व्यक्ति की बड़ी-बड़ी बातें। अपनी हैसियत से ऊंची बात करना आपको शोभा नहीं देता श्रीमान भूपेश बघेल। यह आलाकमान को खुश करने का कितना घटिया प्रयास है! वैसे, क्या कांग्रेस एक और ट्विटर ट्रेंड के जरिए अमेठी की ऐतिहासिक हार को मिटाने की कोशिश कर रही है?''

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी लोकसभा चुनाव में अमेठी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हार की ओर इशारा कर रही थी। कांग्रेस और टीएमसी के बीच संबंध हाल ही में टीएमसी के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' में एक लेख प्रकाशित होने के बाद तल्ख हो गए थे, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी विपक्ष का चेहरा बनकर उभरी हैं, राहुल गांधी नहीं

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