नीतीश के विरोधियों की भीड़ जुटाने में लगे प्रशांत किशोर, राजद शामिल नहीं, भाजपा को लग सकता है झटका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 21, 2020 11:26 AM2020-02-21T11:26:20+5:302020-02-21T11:26:20+5:30
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नीतीश कुमार से अलग होने के बाद उनके विरोधियों को साधने में लग गए हैं।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के चलते बिहार की राजनीति अजकल सुर्खियों में बनी हुई है। हाल ही में प्रशांत किशोर अपने कार्यक्रम ''बात बिहार की'' शुरुआत के साथ ही सीएम नीतीश कुमार के विरोधियों को साधने के प्रयास में जुट गए हैं। प्रशांत किशोर ने बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्यूलर(हम सेक्यूलर) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) के नेता मुकेश साहनी से गुरुवार को दिल्ली में मुलाकात की है। प्रशांत की बिहार के इन बड़े नेताओं से मुलाकात को राजद के खिलाफ राजद विहीन गठबंधन को तैयार करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। प्रशांत किशोर की नेताओं के साथ बैठक नीतीश और भाजपा को बड़ा झटका दे सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आरएलएसपी और हम(एस) के शीर्ष नेताओं ने कहा कि प्रशांत किशोर जेडीयू की कमजोरी और मजबूती के बारे में बखूबी जानते हैं। यह कहना मुश्किल होगा कि प्रशांत सीधे उनके साथ जुड़ेंगे या नहीं, लेकिन उनकी मदद लेने की कोशिश जरूर की गई थी। रालोसपा के एक नेता ने कहा, “हमारे नेता उपेंद्र कुशवाहा किशोर के प्रति गर्मजोशी से भरे हुए हैं और उन्होंने प्रशांत द्वारा नीतीश कुमार पर किए हमले के समर्थन में अपनी भावनाओं को भी ट्वीट किया है। हम एक मजबूत गठन चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस इसका नेतृत्व करेगी।
नेता ने कहा कि शुरुआती कोशिशों में सभी गैर-एनडीए दलों को साथ लेकर चलने का था। आरजेडी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह भी हो सकता है कि नए गठबंधन का गठन हो। बता दें कि बिहार में राजद तेजस्वी को ही सीएम चेहरे के रूप में पेश करने की जिद पर अड़ी हुई है।
हम(एस) के एक सूत्र ने कहा कि यह प्रशांत किशोर के साथ जीतन राम मांझी की दूसरी मुलाकात थी। "कोई भी व्यक्ति या विचार जो एनडीए को हराने में मदद कर सकता है, उसका स्वागत है", जीतन राम मांझी के करीबी सूत्र ने कहा।
आरएलएसपी, हम (एस) और वीआईपी जिसने 2020 के विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए वरिष्ठ सांसद शरद यादव का नेतृत्व किया था, उन्हें राजद के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। शरद यादव ने अब स्पष्ट किया है कि वह राज्य के सीएम की दौड़ में नहीं थे और यह अकेले तेजस्वी हैं जो गठबंधन का नेतृत्व करें।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “हमने स्पष्ट कर दिया है कि हमें चुनाव जीतने के लिए इवेंट मैनेजरों की आवश्यकता नहीं है। दूसरों को दबाव की रणनीति खेलने दें। हम स्पष्ट हैं कि विपक्षी राजनीति को तेजस्वी के नेतृत्व में आगे बढ़ना होगा।
किशोर ने कहा था कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन महागठबंधन के साथ उनकी बैठकें उनकी बिहार योजना के संकेत हैं। किशोर का लक्ष्य 100 दिनों में एक करोड़ युवाओं को पंजीकृत करने का है।