प्रशांत किशोर और शरद पवार की लंच पर मुलाकात, पीएम मोदी के खिलाफ 'मिशन 2024' की तैयारी!
By विनीत कुमार | Published: June 11, 2021 03:18 PM2021-06-11T15:18:32+5:302021-06-11T15:18:32+5:30
प्रशांत किशोर और शरद पवार के बीच शुक्रवार को हुई मुलाकात ने सियासी अटकलबाजी को तेज कर दिया है। सूत्रों के अनुसार इस मुलाकात में 2024 के आम चुनाव को लेकर बड़े पैमाने पर बात हुई।
नई दिल्ली: तमाम आशंकाओं के बीच पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी चर्चा में रहे। प्रशांत किशोर ने चुनावी नतीजों के दिन ये भी कहा था कि वे अपने काम को अब छोड़ रहे हैं और अब कुछ अलग करने के बारे में सोच रहे हैं।
इस बीच प्रशांत किशोर के एनसीपी प्रमुख शरद पवार से हुई मुलाकात ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
प्रशांत किशोर ने दक्षिण मुंबई में शरद पवार के घर में उनसे लंच पर मुलाकात की। आधिकारिक तौर पर ये कहा गया कि बंगाल और तमिलनाडु के नतीजों के बाद ये मुलाकात तरह से शरद पवार की ओर से धन्यवाद देने के लिए था।
वहीं सूत्रों के अनुसार किशोर कुछ और उन नेताओं से आने वाले दिनों में मुलाकात करेंगे जिन्होंने ममता बनर्जी और एमके स्टालिन को समर्थन जताया था।
पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश!
आधिकारिक तौर पर शरद पवार और प्रशांत किशोर की मुलाकात को भले ही औपचारिक बताया गया हो लेकिन सूत्रों के अनुसार इसका मकसद 2024 के आम चुनाव की तैयारी भी हो सकती है। माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने संबंधी बात इस मुलाकात में हुई।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद कहा था, 'मैं जो कर रहा हूं उसे अब जारी नहीं रखना चाहता हूं। मैंने बहुत कर लिया। ये समय मेरे लिए अब ब्रेक लेने और जिंदगी में कुछ और करने का है। मैं ये काम छोड़ना चाहता हूं।'
वहीं, इस सवाल पर कि क्या वे राजनीति में कदम रखना चाहते हैं, प्रशांत किशोर ने कहा था, 'मैं एक विफल राजनेता हूं। मुझे पीछे जाकर देखना होगा कि मैं क्या कर सकता हूं।'
शिवसेना के बदलते सुर के बीच प्रशांत किशोर और पवार की मुलाकात
प्रशांत किशोर की मुलाकात शरद पवार से उस समय हुई है जब एक ओर उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल में दिल्ली में मिले। इसके बाद उद्धव ठाकरे का बयान भी आया।
उन्होंने कहा, 'हम राजनीतिक तौर पर भले ही साथ नहीं है लेकिन इसके ये मायने नहीं कि हमारा रिश्ता खत्म हो गया है। मैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था। इसलिए अगर में उनसे (पीएम मोदी) अलग से मिलता हूं तो इसमें कुछ गलत नहीं है।'
वहीं, गुरुवार को शिवसेना नेता और राज्य सभा सांसद संजय राउत ने भी पीएम मोदी की प्रशंसा की और उन्हें देश का शीर्ष नेता बताया था।