प्रशांत किशोर ने बिहार पुलिस और तमिलनाडु पुलिस को दी चुनौती, कहा-अगर फेक वीडियो है तो हम पर मुकदमा करे
By एस पी सिन्हा | Published: March 11, 2023 06:38 PM2023-03-11T18:38:03+5:302023-03-11T18:38:03+5:30
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने दो वीडियो डाले हैं और मीडिया के माध्यम से बिहार और तमिलनाडु पुलिस को चुनौती दे रहा हूं कि यदि मेरे द्वारा डाला गया वीडियो फेक है तो आप आकर मुझ पर केस कर दीजिए, दोनों वीडियो सब के सामने है।
पटना: बिहार में जन सुराज यात्रा पर निकले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को बिहार पुलिस और तमिलनाडु पुलिस को चुनौती दी है कि वे मुझ पर केस करके दिखाएं। तमिलनाडु मुद्दे पर प्रशांत किशोर ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसे लेकर उन्होंने कहा कि अगर यह फर्जी है तो मुझ पर केस किया जाए। उन्होंने तमिलनाडु में हुई घटना पर बोलते हुए कहा कि इस घटना को लेकर मैंने 2 ट्वीट किया है। पिछले दिनों कुछ लोगों ने फेक वीडियो चलाया है, जिसमे सच्चाई यह है की वो फेक है और उन पर कार्यवाही हो रही है।
पीके ने कहा कि जिन लोगों ने फेक वीडियो चलाया उन पर निश्चित कार्यवाही हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की तमिलनाडु में घटना हुई नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने दो वीडियो डाले हैं और मीडिया के माध्यम से बिहार और तमिलनाडु पुलिस को चुनौती दे रहा हूं कि यदि मेरे द्वारा डाला गया वीडियो फेक है तो आप आकर मुझ पर केस कर दीजिए, दोनों वीडियो सब के सामने है। तमिलनाडु पुलिस ने भी वीडियो साझा की है रेल में मारपीट की घटना हुई है और उस मामले मे गिरफ्तारी भी हुई है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के बड़े नेता घटना से एक दिन पहले हिन्दी भाषी क्षेत्र के लोगों को मारने के बयान देते हैं और इस तरह की बयानबाजी नई नहीं है। पिछले कई महीने से इस तरह की बयानबाजी हो रही है और उसमे कई तरह के लोग शामिल हैं।
पीके ने कहा कि जब सामाज और राजनीति के जिम्मेदार लोग इस तरह के बयान देंगे तो उसका एक असर ये भी हो सकता है कि कोई घटना हो गई हो, लेकिन ऐसी बात नहीं है की वहां पर ऐसी घटना हुई ही नहीं है। वो बात अलग है की किसी ने फेक वीडियो उस घटना के नाम पर चला दी है। लेकिन हिन्दी भाषियों के साथ वहां पर बदसलुकी हुई है जो लोग तमिलनाडु को समझते हैं, उनको पता है कि तमिलनाडु के कोंगू इलाके में हिंदी भाषियों के खिलाफ इस तरह की घटना हुई है और मैं फिर से साफ तौर पर कह रहा हूं की जो लोग वहां भाषण दे रहे हैं और तमिलनाडु के लोगो को हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ भड़का रहे है उन पर निश्चित कार्यवाही होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए पीके ने कहा कि 2014-15 वाले नीतीश कुमार, जिनकी मैंने मदद की थी और 2021-22 वाले नीतीश कुमार जिनका विरोध किया जा रहा है। उन दोनों मे जमीन - आसमान का अंतर है। अंतर है नेता के तौर पर, प्रशासक के तौर पर और व्यक्तिगत तौर पर। अगर हम बात करें नेता के तौर पर तो 2014- 15 में नीतीश कुमार चुनाव नहीं हारे थे, लेकिन लोकसभा में कम सीट आने की वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था और मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था।
उन्होंने कहा कि 2020 मे नीतीश कुमार चुनाव हार गए थे क्योंकि विधानसभा कि 243 सीट में से केवल 42 विधायक जीते थे, इस हिसाब से वो चुनाव तो हार गए हैं। लेकिन आज वो कोई न कोई जुगत लगा कर कभी भाजपा के साथ तो कभी राजद के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बने हुए हैं। लेकिन 2005 से 2012 में नीतीश कुमार ने बिहार को सुधारने के लिए कुछ प्रयास किए थे। लेकिन आज के नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने मे लगे हुए हैं।