प्रमोद सावंत ने रात 2 बजे ली गोवा के सीएम पद की शपथ, धवलीकर और सरदेसाई बनाये गए उपमुख्यमंत्री
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 19, 2019 12:16 AM2019-03-19T00:16:58+5:302019-03-19T08:33:16+5:30
भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विधायकों से चर्चा की। गडकरी ने सरकार में सहयोगी पार्टी के नेताओं से भी चर्चा की। कांग्रेस ने भी सरकार बनाने की कोशिश की। पार्टी विधायकों ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा में सोमवार दिनभर राजनीतिक गहमागहमी चली और अंतत: भाजपा ने फिर एक बार सत्ता का सिंहासन काबिज कर लिया। कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन उसे खाली हाथ रहना पड़ा। शाम को नए मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सावंत के नाम के ऐलान किया गया और देर रात करीब 2 बजे उन्होंने पद की शपथ ली। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के सुदीन धवलीकर और गोवा फॉरवर्ड के विजय सरदेसाई को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
प्रमोद सावंत अब तक गोवा विधानसभा के स्पीकर थे। सावंत उत्तरी गोवा स्थित सैनक्तिवलम विधानसभा सीट से विधायक हैं। पिछले वर्ष सितंबर में कांग्रेस ने प्रमोद सावंत को विधानसभा अध्यक्ष के पद से हटाने का नोटिस भी दिया था। प्रमोद का नाम बीते 2-3 दिनों से मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में था। इससे पूर्व, राज्य में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम में सोमवार को दिनभर मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर मंथन होता रहा।
Goa: Pramod Sawant takes oath as the new Chief Minister of the state, at the Raj Bhavan. pic.twitter.com/bFq1j1B80t
— ANI (@ANI) March 18, 2019
Goa: 11 leaders, including Sudin Dhavalikar of Maharashtrawadi Gomantak Party and Vijai Sardesai of Goa Forward Party, also take oath at the Raj Bhavan as cabinet ministers. pic.twitter.com/TQzT6WaasO
— ANI (@ANI) March 18, 2019
भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विधायकों से चर्चा की। गडकरी ने सरकार में सहयोगी पार्टी के नेताओं से भी चर्चा की। कांग्रेस ने भी आज सरकार बनाने की कोशिश की। पार्टी विधायकों ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में सभी 14 कांग्रेसी विधायक राजभवन गए और राज्यपाल को यह कहते हुए एक पत्र सौंपा कि कांग्रेस विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और उन्हें सरकार बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। कावलेकर ने कहा, ''राज्यपाल ने माना कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और उन्होंने कहा कि वह हमें जवाब देंगी।''