'कोरोना काल में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे', राहुल गांधी के सवालों पर प्रकाश जावड़ेकर का पलटवार
By स्वाति सिंह | Published: May 26, 2020 02:50 PM2020-05-26T14:50:59+5:302020-05-26T14:52:37+5:30
कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते हुए मामलों को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां वायरस तेजी से बढ़ रहा है और हम लॉकडाउन को हटा रहे हैं। लॉकडाउन का उद्देश्य विफल हो गया है। भारत अब फेल लॉकडाउन के परिणाम का सामना कर रहा है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते लगाए गए लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विफल बताया है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को राहुल गांधी के बयानों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में भी कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। उन्होंने आगे कहा, 'आज राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस इसी का उदाहरण है। मैं उनको समझाना चाहता हूं जब लॉकडाउन लगा था तब 3दिन में संक्रमण की संख्या डबल हो रही थी,अब 13दिन में हो रही है ये भारत की सफलता है।'
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते हुए मामलों को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां वायरस तेजी से बढ़ रहा है और हम लॉकडाउन को हटा रहे हैं। लॉकडाउन का उद्देश्य विफल हो गया है। भारत अब फेल लॉकडाउन के परिणाम का सामना कर रहा है।
राहुल गांधी ने कहा, नरेंद्र मोदीजी ने कहा था कि 21 दिनों में कोरोना वायरस से लड़ाई जीती जाएगी। लॉकडाउन के 60 दिन से ज्यादा हो गए और मामले बढ़ते जा रहे हैं। लॉकडाउन में जैसी उम्मीद थी, वैसा नहीं हुआ है। अब सरकार को आगे की योजना बतानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, लॉकडाउन के चार चरणों ने वे परिणाम नहीं दिए जिनकी प्रधानमंत्री उम्मीद कर रहे थे। यह पूरी तरह साफ है कि लॉकडाउन का मकसद और लक्ष्य भारत में विफल हो गया है। लोगों को जो सहायता मिलनी चाहिए वह सरकार नहीं दे पा रही है।
50 फीसदी लोगों को डायरेक्ट कैश दे सरकार
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में पिछले काफी समय से बेरोजगारी की समस्या है लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ये समस्या बढ़ गई है। कोरोना संकट से कई छोटे बिजनेस बंद हो जाएंगे और लोगों की नौकरियां जाएंगी। इस समय सरकार को 50 फीसदी आबादी को सीधा पैसा देना चाहिए। हर महीने साढ़े सात हजार रुपये देने होंगे। गरीबों को पैसे देने की तत्काल जरूरत है।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में कहा कि कोरोना की लड़ाई खत्म नहीं हुई है बल्कि अभी शुरू हुई है। सरकार को आगे का एक्शन प्लान बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार कैसे गरीबों की मदद करेगी, प्रवासी मजदूरों को लेकर उसकी क्या योजनाएं है। लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग के संकट को कैसे उबारा जाएगा, इसके बारे मोदी सरकार को अपनी रणनीति बतानी चाहिए।
गांधी ने कहा, ‘‘हम कांग्रेस शासित राज्यों में गरीबों और किसानों को पैसे दे रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से उचित मदद के बिना राज्य अपना कामकाज नहीं कर सकते।’’