चीन पर केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा- 'भारत शांति का पक्षधर लेकिन छेड़छाड़ किये जाने को ठीक नहीं समझता'
By पल्लवी कुमारी | Published: June 19, 2020 05:22 AM2020-06-19T05:22:44+5:302020-06-19T05:22:44+5:30
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में सोमवार रात (15 जून) को भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़ी सैन्य झड़प के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत हमेशा से शांति का पक्षधर है और शांति चाहता है पर अनावश्यक छेड़छाड़ किये जाने को ठीक नहीं समझता है। पत्र सूचना कार्यालय की शुक्रवार (19 जून) को भोपाल जारी विज्ञप्ति के अनुसार केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि देश एकजुट है और सैनिकों के साथ है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के एक सपूत ने भी चीन से हुए हालिया संघर्ष में सर्वोच्च बलिदान दिया है। हम सभी शहीद सैन्य अधिकारियों और सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। जावड़ेकर ने कहा कि चीन ने जो किया है उसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत साफ शब्दों में देश का इरादा स्पष्ट कर दिया है। भारत ने इस घटना को बहुत ही गंभीरता से लिया है।
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह बयान सोमवार रात (15 जून) पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद होने पर दिया है।
चीनी सैनिकों से झड़प में भारत के 76 जवान जख्मी, सभी की हालत में सुधार
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से झड़प में भारत में 76 जवान जख्मी हैं। जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। चीन ने हताहतों की संख्या अभी तक जारी नहीं की है।
देश के सैन्य सूत्रों के मुताबिक लेह के सैन्य अस्पताल में 18 सैनिक इलाजरत हैं जबकि अन्य 58 सैनिकों का इलाज दूसरे अस्पतालों में चल रहा है। 18 सैन्यकर्मियों में चार गंभीर रूप से घायल हुए हैं लेकिन अब इलाज का उनपर असर हो रहा है और उनकी हालत स्थिर है। झड़प में मामूली रूप से घायल हुए 58 सैन्यकर्मियों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। अगले दो सप्ताह में वे अपनी टुकड़ी से जुड़ सकेंगे।
गलवान घाटी में झड़प के बाद से सेना का कोई जवान लापता नहीं है: सेना
भारतीय सेना ने गुरुवार (18 जून) को उन मीडिया खबरों को खारिज किया जिनमें दावा किया गया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में तीन दिन पहले चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़पों के बाद उसके कई सैनिक लापता है। सेना ने एक बयान में कहा, यह स्पष्ट किया गया है कि कार्रवाई में कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हैं। इस तरह की खबरें थी कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीनी सेना ने भारतीय सेना के कुछ सैनिकों को बंदी बना लिया है।
पांच और छह मई को हिंसक झड़प में लगभग 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के शामिल होने के बाद क्षेत्र में स्थिति बिगड़ गई थी। पैंगोंग त्सो में हुई घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी।