राजस्थानः आज भी नसबंदी परिवार नियोजन का लोकप्रिय तरीका, 19% ही करते हैं कंडोम का इस्तेमाल
By भाषा | Published: March 18, 2018 02:00 PM2018-03-18T14:00:41+5:302018-03-18T14:00:41+5:30
जयपुर की आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी द्वारा बिल एंड मिलिंडा गेट्स इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ जॉन हॉकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ यूएसए के सहयोग से किए गए अध्ययन में नए तथ्य सामने आए हैं।
जयपुर, 18 मार्च: एक अध्ययन के अनुसार राजस्थान में 56 प्रतिशत विवाहित महिलाएं आधुनिक गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग कर रही है और आज भी प्रदेश में नसबंदी परिवार नियोजन का सबसे लोकप्रिय उपाय है। महिला नसबंदी जहां सबसे आम तरीका है वहीं कुछ महिलाएं थोड़े समय के लिए प्रभावी माध्यम जैसे बर्थ कंट्रोल पिल्स और 19.3 प्रतिशत महिलाएं पुरुषों द्वारा काम में लिए जाने वाले कंडोम पर निर्भर करती हैं।
जयपुर की आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी द्वारा बिल एंड मिलिंडा गेट्स इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ जॉन हॉकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ यूएसए के सहयोग से किए गए अध्ययन में यह तथ्य सामने आए हैं।
अध्ययन के अनुसार, राजस्थान में महिला नसबंदी आज भी परिवार नियोजन का सबसे लोकप्रिय तरीका है। जन सेवा डिलिवरी पॉइंट्स द्वारा उपलब्ध आईयूडी इंसर्शन और रिमूवल आज भी बेहद कम लोकप्रिय है। सिर्फ 3 प्रतिशत महिलाएं ही आईयूडी जैसे तरीके इस्तेमाल में लाती हैं। इंजेक्टेबल तरीकों का इस्तेमाल धीरे-धीरे बढ़ रहा है। ऐसा संभवत इसलिए क्योंकि हाल ही में राज्य में इसका विस्तार हुआ है।
अध्ययन के अनुसार, गर्भ निरोधक साधनों में किसका इस्तेमाल किया जाए, इसका फैसला पति-पत्नी आपसी सलाह मशविरे से करते हैं। परिवार नियोजन के तरीके अपनाने वाली 85.6 प्रतिशत महिलाओं ने अपनी मर्जी से अथवा अपने जीवन साथी की मर्जी से तरीके का चयन किया है, जबकि 19.5 प्रतिशत महिलाएं अपनी मर्जी से गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल कर रही हैं। इनमें आर्थिक रूप से कमजोर तबके की महिलाओं की सख्या अधिक है।
अध्ययन के अनुसार, राजस्थान में करीब 98 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और करीब 97 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भ निरोधक इस्तेमाल में लिए जाने वाले तरीकों के साधन उपलब्ध हैं, जबकि निजी अस्पतालों में इनकी संख्या अधिक है।