राहुल गांधी ने कहा- हिंदुस्तान को कर्ज नहीं पैसे की जरूरत, 6 महीने तक गरीबों को मदद दे सरकार, प्रियंका गांधी ने की ये मांग
By पल्लवी कुमारी | Published: May 28, 2020 02:21 PM2020-05-28T14:21:07+5:302020-05-28T14:22:00+5:30
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा,'हमारा केंद्र सरकार से फिर आग्रह है कि खजाने का ताला खोलिए और जरूरत मंदों को राहत दीजिये। हर परिवार को छह महीने के लिए 7,500 रुपये प्रतिमाह सीधे नकद भुगतान करें और उसमें से 10,000 रुपये फौरन दें।'
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर कांग्रेस की ओर से शुरू किए गए 'स्पीकअप इंडिया' अभियान के तहत मांग की है कि छह महीने तक सरकार गरीबों को आर्थिक मदद दे। राहुल गांधी ने कहा, मौजूदा समय में देश को कर्ज नहीं बल्कि वित्तीय मदद की जरूरत है और ऐसे में सरकार गरीबों के खाते में छह महीने के लिए 7500 रुपये प्रति माह भेजे। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी गरीबों को आर्थिक मदद देने की मांग की है।
राहुल गांधी ने सरकार से और क्या-क्या मांग की?
राहुल गांधी ने कहा, सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को आर्थिक पैकेज दिया जाए। राहुल गांधी ने कहा, सरकार मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराए । राहुल गांधी ने कहा, मनरेगा के तहत साल में 200 कामकाजी दिन सुनिश्चित करना चाहिए।
It's time for every Indian to stand together & speak up in one voice. #SpeakUpIndia
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 28, 2020
for our brothers & sisters struggling for survival;
for those whose voice has been silenced;
for those in despair & are fearful.
We are India.
Together we can make a difference. pic.twitter.com/7Q6R2rcWuP
राहुल गांधी ने कहा, कोविड के कारण भारत में एक तूफान आया हुआ है। सबसे ज्यादा चोट गरीब जनता को लगी है। मजदूरों को सैकड़ों किलोमीटर भूखा-प्यासा और पैदल चलना पड़ रहा है। एमएसएमई हमारे देश की रीढ़ की हड्डी हैं और बड़े पैमाने पर रोजगार देते हैं। ये एक के एक बाद बंद हो रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा, हमारी सरकार से चार मांगे हैं। पहली मांग यह है कि हर गरीब परिवार के खाते में छह महीनों के लिए 7500 रुपये प्रति माह डाला जाए। मनरेगा को 200 दिन के लिए चलाया जाए। एमएसएमई के लिए तत्काल एक पैकेज दिया जाए। मजदूरों को वापस भेजने के लिए तत्काल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
जानिए प्रियंका गांधी ने वीडियो संदेश में क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 'स्पीकअप इंडिया' अभियान के तहत कहा, ''हम सबका कर्तव्य है कि हम साथ मिलकर जरुरतमंदों की मदद के लिए आवाज उठाएं। मैं आवाज उठा रही हूं, आप भी उठाएं।''
हम सबका कर्तव्य है कि हम साथ मिलकर जरुरतमंदों की मदद के लिए आवाज उठाएं। मैं आवाज उठा रही हूं, आप भी उठाएं। #SpeakUpIndiahttps://t.co/sL9Bi7mhuC
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 28, 2020
प्रियंका गांधी ने भी सरकार के सामने चार मांग रखी हैं। प्रियंका ने कहा कि आज गरीब मजदूर मुश्किल में है और सरकार उसकी मदद नहीं कर रही है।
जानिए कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने क्या कहा?
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार पर गरीबों के दर्द का अहसास नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों को मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही गरीब परिवारों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की तत्काल वित्तीय मदद की जाए। सोनिया ने एक वीडियो जारी कर सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह मनरेगा के तहत 200 कामकाजी दिन सुनिश्चित करे और सभी जरूरतमंदों के लिए राशन का प्रबंध करे। कांग्रेस का कहना है कि उसने गरीबों, मजदूरों और छोटे कारोबारियों की मदद के लिए सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से यह अभियान चलाया है।
LIVE: कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी का देशवासियों और भाजपा सरकार को संदेश #SpeakUpIndiahttps://t.co/pKbOaLtvYX
— Congress (@INCIndia) May 28, 2020
सोनिया ने कहा, पिछले 2 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे और बगैर साधन के सैकडों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनका दर्द और सिसकी देश में हर दिल ने सुनी, पर शायद सरकार ने नहीं सुनी।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चौपट हो गए, कारखानें बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ।