बिहार के विशेष राज्य के मुद्दे पर एकबार फिर से गरमाई राजनीति, जदयू ने फिर छेड़ा राग
By एस पी सिन्हा | Published: November 4, 2022 08:48 PM2022-11-04T20:48:41+5:302022-11-04T20:49:51+5:30
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र में चाहे भाजपा सत्ता में रही हो या यूपीए, बार-बार मांग किए जाने के बावजूद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया।
पटना: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर एक बार फिर से सियासत गरमाने लगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही उनके मंत्रियों ने भी अब इसपर सियासत शुरू कर दी है। इसी कड़ी में मंत्री अशोक चौधरी ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई है।
उन्होंने कहा कि केंद्र में चाहे भाजपा सत्ता में रही हो या यूपीए, बार-बार मांग किए जाने के बावजूद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कथनी और करनी में बहुत बड़ा फर्क है। अशोक चौधरी ने कहा कि देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में बिहार ने अपनी अलग पहचान बनाई है।
राज्य सरकार के पास जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उसकी बदौलत बिहार को आगे ले जाने में काफी लंबा समय लगेगा। राज्य की जनसंख्या के हिसाब से भी इसमें काफी परेशानियां होंगी। केंद्र में चाहे यूपीए की सरकार रही हो या एनडीए की, हमने हमेशा से यह मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखने का काम किया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार से जो पैसे आते हैं, उसमें राज्य का जो हिस्सा है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद उसमें भी कमी आएगी। राज्य में उद्योगों को स्थापित करने में भी बड़ी सहायता मिलेगी। अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता तो दूसरे जो विकसित राज्य हैं उनके समकक्ष बिहार पहुंच गया होता।
अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के समक्ष बार-बार अपनी मांग को रखा और आज भी मांग कर रहे हैं। लेकिन यूपीए और एनडीए की सरकारों ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को किसी न किसी बहाने नकार दिया। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज की घोषणा के बावजूद बिहार को आजतक पैसा नहीं मिला।