शराबबंदी कानून पर बिहार में गरमायी सियासत, केन्द्रीय मंत्री पारस ने कहा- ड्राइवर 40 रुपए में पीता है एक गिलास शराब
By एस पी सिन्हा | Published: November 29, 2022 07:05 PM2022-11-29T19:05:03+5:302022-11-29T19:05:03+5:30
शराबबंदी को लेकर केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरे तरीके से फेल है। ड्राइवर 40 रुपए में एक गिलास शराब पीता है और 8 लोगों की जान ले लेता है।
पटना: बिहार में शराबबंदी को सत्ता पक्ष इसको पूरी तरह सफल तो विपक्ष इसे पूरी तरह फेल बता रहा है। अब केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शराबबंदी को पूरी तरह फेल बता दिया है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर बिहार सरकार से शराबबंदी को सही तरीके से लागू नहीं कर पा रही है तो इसे खत्म कर देना चाहिए। वहीं, पारस के बयान पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। जदयू और राजद ने पारस के बयान पर पलटवार किया है।
शराबबंदी को लेकर केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरे तरीके से फेल है। ड्राइवर 40 रुपए में एक गिलास शराब पीता है और 8 लोगों की जान ले लेता है, इसका अर्थ है बिहार में एक जान की कीमत मात्र 5 रुपया है, अगर बिहार सरकार से शराबबंदी को सही तरीके से लागू नहीं कर पा रही है तो इसे खत्म कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून से गरीब, शोषित, पिछड़े और दलित सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें खानापूर्ति के लिए पुलिस पकड़कर जेल में डाल देती है। इसके बाद वे जेल और बेल के चक्कर में पिसते रहते हैं क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वे जेल से छूट सकें।
वहीं, केंद्रीय मंत्री के बयान पर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि शराबबंदी कानून से इतनी दिक्कत है तो गुजरात में क्यों नहीं इसे खत्म करा देते। उन्होंने कहा कि आदतन लोग शराब चालू करने की मांग कर रहे हैं। भाजपा और घटक दल की चाहत है कि शराबबंदी कानून खत्म हो तो उनसे आग्रह करते हैं कि सड़कों पर उतरें और शराब चालू करने की गुहार लगाएं।
वहीं जदयू प्रवक्ता मंजीत सिंह ने कहा कि पशुपति पारस को इस कानून की क्या जानकारी है। वे कभी अपने क्षेत्र में तो जाते नहीं। दरअसल, जो लोग शराब के आदी हैं, शराब पीना चाहते हैं। वही लोग और वैसी ही पार्टी शराबबंदी कानून खत्म करने की मांग करती है। बता दें कि भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बाद जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी शराबबंदी के ठीक से लागू नहीं की बात स्वीका की थी, जिसके बाद बिहार में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।