सियासतः तमिलनाडु में कमल हासन असफल हुए, सियासी सवाल रजनीकांत के समक्ष गहराया?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: June 11, 2019 11:22 PM2019-06-11T23:22:12+5:302019-06-11T23:22:33+5:30
डीएमके ने इस बार एआईएडीएमके को न केवल मात दी है, बल्कि अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता बचाने की बड़ी चुनौती भी खड़ी कर दी है.
लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु के नतीजों ने साफ कर दिया है कि अब सितारा हैसियत के दम पर राज्य की राजनीति में कामयाबी आसान नहीं है. कमल हासन की पार्टी मक्कल नीधि माईम का जो हाल तमिलनाडु में हुआ है, उसके बाद रजनीकांत के सामने भी बड़ा सवाल है कि वे अपनी राजनीतिक पारी में कामयाबी कैसे दर्ज करवाएंगे?डीएमके ने इस बार एआईएडीएमके को न केवल मात दी है, बल्कि अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता बचाने की बड़ी चुनौती भी खड़ी कर दी है.
लेकिन, यह साफ है कि तमिलनाडु का राजनीतिक फैसला डीएमके और एआईएडीएमके के बीच ही होगा, किसी और के लिए कोई बड़ी संभावना नहीं है. राष्ट्रीय दलों में भी कांग्रेस के लिए तो बेहतर संभावनाएं हैं, परन्तु बीजेपी को यहां से अभी कुछ खास हांसिल नहीं हो पाएगा.
तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं. लंबे समय से इस राज्य में दो प्रमुख राजनीतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम सत्ता में बने रहे हैं. इस वक्त कांग्रेस डीएमके के साथ है, जबकि बीजेपी एआईएडीएमके के साथ है.
कमल हासन और रजनीकांत, इन दोनों के लिए डीएमके और एआईएडीएमके, दोनों दलों का साथ मिलना मुश्किल है. बीजेपी, रजनीकांत के साथ आ सकती है, किन्तु लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी को साथ लेना रजनीकांत के लिए सुरक्षित नहीं माना जा रहा है.
कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि माईम को शहरी क्षेत्र में तो थोड़ा रेसपोंस मिला, किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ नहीं मिल पाया और ज्यादातर क्षेत्रों में इसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.लोकसभा चुनाव में डीएमके को सर्वाधिक 32.76 प्रतिशत वोट मिले, एआईएडीएमके को 18.48 प्रतिशत वोट मिले, कांग्रेस को 12.76 प्रतिशत वोट मिले, जबकि बीजेपी को महज 3.66 प्रतिशत वोट ही मिले. शेष किसी भी दल का प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आज की सियासी तस्वीर को देखते हुए अगले विधानसभा चुनावों में कमल हासन और रजनीकांत के लिए तो कोई खास संभावनाएं नजर नहीं आ रही है, एआईएडीएमके के लिए भी सत्ता बचाना मुश्किल है. कोई आश्चर्य नहीं यदि अगले विधानसभा चुनाव के बाद डीएमके और कांग्रेस तमिलनाडु की सत्ता में आ जाएं.