अरुण जेटली ने पीएनबी घोटाले के लिए ऑडिटर्स को ठहराया जिम्मेदार, बोले- पकड़े जाएंगे धोखा देने वाले
By आदित्य द्विवेदी | Published: February 20, 2018 08:48 PM2018-02-20T20:48:48+5:302018-02-20T21:56:16+5:30
पीएनबी के 11,356 करोड़ रुपये के घोटाले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली प्रतिक्रिया जाहिर की है।
पंजाब नेशनल बैंक के 11,356 करोड़ रुपये के घोटाले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इस घोटाले के लिए ऑडिटर्स की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि निगरानी एजेंसियों और प्रबंधन की विफलता के कारण ही इतना बड़ा घोटाला हो गया। जेटली नई दिल्ली में एडीएफआईएफपी (एसोसिएशन्स ऑफ डेवलपिंग फानेंसिंग इंस्टीट्यूशन इन एशिया ऐंड पैसिफिक) के वार्षिक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पीएनबी घोटाले पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह घोटाला यूपीए के शासनकाल में शुरू हुआ था। 6 साल की ऑडिट में यह पकड़ में क्यों नहीं आया। उन्होंने कहा कि सीए की टीम को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। इस बारे में पूछताछ की जाएगी। अरुण जेटली ने कहा कि सरकार बैंकिंग सिस्टम से धोखाधड़ी करने वालों का पीछा करेगी।
आरबीआई का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि निगरानी करने वाली एजेंसियों को यह पता लगाने की जरूरत है कि अनियमिताओं को पकड़ने के लिए किस तरह की नई प्रणालियों को अपनाया जाना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छुटपुट मामलों को शुरू में ही पकड़ लिया जाए और उनका दोहराव ना हो।
वित्तमंत्री ने कहा कि घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने का एक उदाहरण पेश किया जाना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। उन्होंने कहा, "मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि ऐसी घटनाओं की कीमत देश को और करदाताओं को चुकानी पड़ती है। इसका असर बैंक पर और देश के विकास पर पड़ेगा।"
खरबों रुपये के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी का नाम लिए बिना वित्तमंत्री ने कहा, "भारतीय व्यवसायियों का एक समूह जिस तरह की अनैतिकता का अनुकरण कर रहा है, सरकार के नाते, देश की पूरी क्षमता तक, यथासंभव अंतिम निष्कर्ष तक हम ऐसे लोगों का पीछा करेंगे, और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी देश को धोखा नहीं दे सकता है।"
When authority is given to the managements then you are expected to utilize authority effectively and in the right manner and therefore question for management is if they were found lacking, on the face of it seems they were: FM Arun Jaitley on banks pic.twitter.com/rwI7W38iaT
— ANI (@ANI) February 20, 2018
इससे पहले पीएनबी घोटाले के मास्टरमाइंड नीरव मोदी ने पीएनबी को खत में लिखा था,
- पीएनबी की जल्दबाजी और अतिउत्साह के चलते कर्ज चुकाने के सभी रास्त बंद हो गए हैं।
- कर्ज की रकम उतनी नहीं है जितना बताई जा रही है। उसकी कंपनियों पर बैंक के 5 हजार करोड़ से भी कम के कर्ज हैं।
- मीडिया में इस मामले के आने के अलावा संपत्ति की छानबीन और जब्ती की वजह से हमारे इंटरनेशनल मार्केट का कारोबार प्रभावित हो रहा है।
- 13 फरवरी को मेरे ऑफर के बावजूद आपने बकाया राशि लेने की जल्दी दिखाई और इसे सार्वजनिक कर दिया।
- आपके इस एक्शन से मेरे ब्रांड और बिजनेस को बड़ा नुकसान हुआ है।
PNB घोटालाः एक नजर में
पीएनबी ने 14 फरवरी को जानकारी दी कि उसके मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस ब्रांच में 11,400 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाने का आरोप लगाया। ये कर्ज पीएनबी के लैटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए लिए गए।
जांच एजेंसियां घोटाला सामने आने के तुरंत बाद से ही उसकी संपत्तियों और ठिकानों पर कार्रवाई में जुटी हुई हैं। अब तक इस सिलसिले में 5716 करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। साथ ही नीरव को भारत लाने के लिए जरूरी कार्रवाई पर भी काम शुरू कर दिया गया है।