लंबी होती जा रही है बनारस से पीएम मोदी को चुनौती देने वालों की लिस्ट, जज, जवान, किसान से लेकर 'हमशक्ल' तक शामिल
By पल्लवी कुमारी | Published: April 13, 2019 06:18 PM2019-04-13T18:18:07+5:302019-04-13T18:18:07+5:30
2019 के लोकसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले हैं और मीडिया सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यहां से जीतना भी तय ही है। लेकिन 2014 की ही तरह 2019 में भी यहां का चुनावी माहौल दिलचस्प है। इस सीट से पीएम मोदी के विरोध में कई उम्मीदवार हैं।
वाराणसी लोकसभा सीट देश की सबसे हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र होने की वजह से वाराणसी सीट हमेशा ही चर्चाओं में रहता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले हैं। मीडिया सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यहां से जीतना भी तय ही है। लेकिन 2014 की ही तरह 2019 में भी यहां का चुनावी माहौल दिलचस्प है।
वाराणसी सीट से पीएम मोदी के विरोध में कई उम्मीदवार हैं। हालांकि कांग्रेस या सपा-बसपा-आरलडी गठबंधन ने अभी तो यहां से किसी प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो पीएम मोदी के विरोध में चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
पीएम मोदी के खिलाफ यहां से पूर्व बीएसएफ जवान, तमिलनाडु के 111 किसान, एक पूर्व जज फिलहाल चुनावी मैदान में हैं। भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद भी वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले हैं। इसके अलावा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और संकट मोचन मंदिर के महंत विश्वंबर नाथ मिश्रा भी मैदान में हैं।
1- पूर्व बीएसएफ कॉन्स्टेबल तेज बहादुर यादव
साल 2017 में सोशल मीडिया पर एक बीएसएफ कॉन्स्टेबल तेज बहादुर यादव का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह जवानों को दिए जाने वाले खाने की क्वॉलिटी की आलोचना कर रहे थे। जिसके बाद , कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद उनके आरोपों को गलत निकले और तेज बहादुर यादव को नौकरी से निकाल दिया गया था। ये वहीं पूर्व बीएसएफ कॉन्स्टेबल तेज बहादुर यादव हैं, जो लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
हरियाणा के रेवाड़ी में तेज बहादूर यादव ने पत्रकारों से कहा, ''मैं वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लडूंगा।'' यादव ने कहा कि वह भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए चुनाव लड़ना चाहते है। उन्होंने कहा, ''मैंने भ्रष्टाचार का मामला उठाया लेकिन मुझे बर्खास्त कर दिया गया। मेरा पहला उद्देश्य (सुरक्षा) बलों को मजबूत करना और भ्रष्टाचार खत्म करना होगा।''
यादव ने 2017 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें वह जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पहाड़ी इलाके के बर्फीले स्थान पर सैनिकों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत करता नजर आ रहा था। इसके बाद उसे अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था।
2- कोलकाता के जज भी वाराणसी से चुनावी मैदान में
कोलकाता के हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज सीएस कर्णन भी पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कर्णन ऐसे पहले जज हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी करार दिया था। जिसके बाद छह महीने के लिए उन्हें जून 2017 से जेल में रहना पड़ा था।
बता दें कि कर्णन की वाराणसी दूसरी सीट है। कर्णन ने 2018 में ऐंटी-करप्शन डायनैममिक पार्टी बनाई थी। 63 साल के पूर्व जज सेंट्रल चेन्नै से नामांकन भर चुके हैं।
3- 111 किसान भी मैदान में
तमिलनाडु के 111 किसान भी मोदी के खिलाफ इस लड़ाई में शामिल हैं। 2017 में राजधानी दिल्ली में इन किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया था। 111 किसानों के इस समूह का नेतृत्व पी अय्यकन्नू कर रहे हैं। ये किसान पीएम मोदी के काम से नाखुश हैं, इसलिए ये उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
4- फ्लोरोसिस से पीड़ित लोग भी मोदी के खिलाफ
नालगोंडा (तेलंगाना) और प्रकासम (आंध्र प्रदेश) में फ्लोरोसिस से पीड़ित लोग ऐक्टिविस्ट्स वड्डे श्रीनिवास और जलगम सुधीर के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाले हैं।
5- BHU के प्रोफेसर भी वाराणसी से चुनावी मैदान में
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और संकट मोचन मंदिर के महंत विश्वंबर नाथ मिश्रा भी वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनान लड़ने की तैयारियों में हैं। विश्वंबर नाथ मिश्रा गंगा की सफाई को लेकर अभियान चला रहे हैं। स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के टिकट पर उन्हें लड़ाया जा सकता है। हालांकि, इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है।
6- भीम आर्मी के मुखिया ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने बसपा संस्थापक कांशीराम की बहन के साथ एक रैली को संबोधित करते हुए ऐलान किया था कि वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। आजाद के इस कदम को उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में दलितों को अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश कर रही भीम आर्मी ने पीटीआई को बताया कि वह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ और बीजेपी के विरूद्ध जहां मजबूत प्रत्याशी की जरूरत हुई वहां अपने उम्मीदवार उतारेगी।
उन्होंने कहा, 'मैं संविधान और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए वाराणसी में नरेंद्र मोदी को चुनौती दूंगा। मैं सांसद या विधायक नहीं बनना चाहता। अगर ऐसा होता तो मैं सुरक्षित सीट चुनता।' भीम आर्मी प्रमुख ने कहा, 'प्रधानमंत्री को जब पता चला कि हम वाराणसी में उन्हें चुनौती देने वाले हैं तो उन्होंने इलाहाबाद में स्वच्छता कर्मियों के चरण पखारने शुरू कर दिये।'
7- पीएम नरेंद्र मोदी के 'हमशक्ल' अभिनंदन पाठक भी कतार में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'हमशक्ल' कहे जाने वाले अभिनन्दन पाठक भी वाराणसी सीट से भी नामांकन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह आगामी 26 अप्रैल को वाराणसी से पर्चा दाखिल करेंगे। अभिनन्दन पाठक राजधानी लखनऊ से भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रियंका गांधी भी अटकलों को दे चुकी हैं हवा
प्रियंका गांधी के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की अटकलें भी आईं थी। असल में प्रियंका गांधी ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कह दिया था कि क्या कहते हैं आप लोग वाराणसी से चुनाल लड़ जाऊं क्या? हालांकि बाद में अटकलों की पृष्ठभूमि में गांधी परिवार के विश्वस्त और प्रियंका के बेहद नज़दीकी लोगों में शुमार वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा था, ''एक सवाल के जवाब में प्रियंका जी ने एक टिप्पणी की थी जिसको लेकर बातें की गई थीं। उनके चुनाव लड़ने पर अभी कुछ तय नहीं है। कोई निर्णय नहीं हुआ है।''
2014 में आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल लड़े थे वाराणसी से चुनाव
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव जीते थे। तब इस सीट पर अरविंद केजरीवाल ने चुनाव लड़ कर सुर्खियां बटोरी थीं। लेकिन अब कई अनोखे प्रत्याशियों ने वाराणसी से चुनाव लड़ने का दावा करके रोचकता बढ़ा दी है।