प्रचंड बहुमत के बाद पीएम मोदी ने उड़ेले जज्बात, कहा- कोटि-कोटि कार्यकर्ता, सिर्फ एक भाव, भारत माता की जय और कुछ नहीं..
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: May 23, 2019 08:45 PM2019-05-23T20:45:28+5:302019-05-23T20:50:30+5:30
''आज मेरी भावनाओं को जनता जनार्दन ने प्रकट कर दिया है, इसलिए अगर कोई विजयी हुआ है तो हिंदुस्तान विजयी हुआ है, अगर कोई विजयी हुआ है तो लोकतंत्र विजयी हुआ है, जनता विजयी हुई है।''
लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (23 मई) की शाम दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुख्यालय का रुख किया। पीएम ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर जनता का अभिवादन किया। भाषण की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की तारीफ की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी अध्यक्ष को यशस्वी, परिश्रमी कहते हुए भाषण शुरू किया।
पीएम ने कहा, ''आज मेघराजा भी इस उत्सव को मनाने के लिए हमारे बीच हैं।
2019 लोकसभा का जनादेश, नए भारत के लिए मिला। जनादेश लेने के लिए गए थे, आज हम देख रहे हैं देश की कोटि-कोटि नागरिकों ने इस फकीर की झोली को भर दिया है। मैं भारत के एक सौ तीस करोड़ नागरिकों को सर झुकाकर नमन करता हूं।
ये जो मतदान का आंकड़ा है, ये अपने आप में लोकतांत्रिक विश्व के इतिहास में सबसे बड़ी घटना है। देश आजाद हुआ, इतने लोकसभा के चुनाव हुए लेकिन आजादी के बाद सबसे अधिक मतदान इस चुनाव में हुआ है, और वो भी 40, 42 डिग्री गर्मी के बीच में.. ये अपने आप में भारत के मतदाताओं की जागरुकता, लोकतंत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, पूरे विश्व को इस बात को रजिस्टर करना होगा, पूरे विश्व को इस बात को पहचानना होगा।
लोकतंत्र के खातिर जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया है, जो लोग घायल हुए हैं, उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना प्रकट करता हूं, और लोकतंत्र के इतिहास में लोकतंत्र के लिए मरना ये विशाल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती हैं, मैं चुनाव आयोग को, व्यवस्था संभालने वाले हर किसी को, बहुत उत्तम तरीके से चुनाव प्रक्रियाओं को पूरा कराने के लिए हृदय पूर्वक बधाई देता हूं।
साथियों जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ, तब श्रीकृष्ण से पूछा गया कि आप किसके पक्ष में थे। मैं समझता हूं कि उस समय श्रीकृष्ण ने जो जवाब दिया था वो आज जनता जनार्दन ने कृष्ण के रूप में जवाब दिया है। श्रीकृष्ण ने जवाब दिया था कि मैं किसी के पक्ष में नहीं था मैं सिर्फ हस्तिनापुर के लिए खड़ा था, आज भारत के लोग भारत के लिए खड़े थे, भारत के लिए खड़ें, इसलिए भारत के उज्जवल भविष्य की गारंटी है।
पहले दिन से कह रहा था कि ये चुनाव कोई दल नहीं लड़ रहा है।
आज मेरी भावनाओं को जनता जनार्दन ने प्रकट कर दिया है, इसलिए अगर कोई विजयी हुआ है तो हिंदुस्तान विजयी हुआ है, अगर कोई विजयी हुआ है तो लोकतंत्र विजयी हुआ है, जनता विजयी हुई है।
इस विजय को जनता जनार्दन के चरणों में समर्पित करता हूं।
इस लोकसभा के चुनाव में जो विजयी हुए हैं। उन्हें हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
देश के उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिबद्धता के साथ विजयी सभी प्रतिनिधि आने वाले दिनों में देश की सेवा करेंगे इसी कामना के साथ उन्हें बधाई देता हूं।
विजय प्राप्त करने वाले लोगों के विश्वास दिलाता हूं कि सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी।
कोटि-कोटि कार्यकर्ता, सिर्फ एक भाव भारत माता की जय, और कुछ नहीं..
भारतीय जनता पार्टी परिवार का हर सदस्य कोटि-कोटि अभिनंदर का अधिकारी है। जिसने निस्वार्थ भाव से काम किया। लोकतंत्र की आन बान शान बनाने में यशस्वी भूमिका निभाई है।
हम सभी लोभी हो गए लेकिन हो कभी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए, न रुके, न थके न झुके, कभी हम दो हो गए तो भी और आज दोबारा आ गए.. दो से दोबारा आने तक अनेक उतार-चढ़ाव हुए..
दोबारा आने पर भी नम्रता, हमारा विवेक, आदर्शों को नहीं छोड़ेंगे।
साथियों अभी हमारे अध्यक्ष जी चुनाव नतीजों की कुछ हाइलाइट बता रहे थे, मैं स्वयं काफी दंग था इसलिए चुनाव नतीजों पर मेरा ध्यान नहीं था इसलिए जानकारी नहीं है कि कहां क्या हुआ लेकिन जो विस्तार से बताया कि आज रात समय निकालकर देखूंगा कि आज दिन भर क्या क्या हुआ।
21 वीं सदी है। कोई कहता है मोदी मोदी मोदी, ये मोदी का विजय नहीं है, ये देश में तड़पते नागरिकों की आशाओं, आकांक्षाओं का विजय हैं।
मां का सम्मान, बीमार व्यक्ति, किसानों की विजय है।
40 करोड़ असंगठित कामगारों की विजय है। जिनका 2022 तक पक्का घर बनना तय है उनकी विजय है। मध्यवर्गीय परिवारों की विजय है।
ईमानदारी को जो ताकत मिली है, उसे इस चुनाव ने सिक्यॉरिटी दी है।
आपने देखा होगा कि सेक्युलरिज्म की जमात ने बोलना ही बंद कर दिया है। अब एक भी व्यक्ति सेक्युलरिज्म का नकाब पहनकर गुमराह नहीं करता है।
देश में कोई चुनाव ऐसा नहीं गया जहां केंद्र बिंदू में महंगाई न रही हो, लेकिन इसमें महंगाई मुद्दा नहीं रहा।
ये पहला चुनाव था कि इसमें पांच साल में कोई दल भ्रष्टाचार का एक आरोप नहीं लगा पाया।
इस चुनाव ने 21वीं सदी की मजबूत नींव निर्मित की है।
जनता ने एक नया नैरेटिव को सामने रख दिया है। समाजशास्त्रियों के फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
देश में अब दो ही जाति बची है।
भारत की एक जाति है गरीब और दूसरी जाति गरीबी से मुक्त कराने में योगदान देने वालों की।
21वीं सदी में इन दोनों को सशक्त करन है। ये दो शक्तियां गरीबी के कलंक को मिटा देंगी।
ये चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि इस कालखंड में इतना प्रचंड बहुमत बहुत बड़ी घटना है, विश्व को अचंभित करने वाली घटना है। पल भर याद कीजिए जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती देश मनाएगा।
1942 से 47 तक तक जो भी व्यक्ति कुछ करता था आजादी के लिए करता था। जन आंदोलन ने आजादी के लिए बहुत मदद की।
उस समय तो जनसंख्या भी इतनी नहीं थी तब बड़ी-बड़ी सल्तनतों को परास्त कर दिया था, आज संकल्प कर लें तो समस्याएं ही नहीं रहेंगी।
इसलिए दोस्तों तो चुनाव को नम्रता से स्वीकारना है, सरकार तो बहुमत से बनती है और जनता ने बना दी लेकिन लोकतंत्र के संस्कार, लोकतंत्र का शरीर हमें कहता है कि देश सर्वमत से चलता है।
चुनाव में क्या हुआ, कौन बोला, कैसे बोला, मैं भूल चुका हूं। हमें आगे सबको साथ लेकर चलना है।
राष्ट्र ने इस फकीर की झोली तो भर दी। मेरे प्यारे देश वासियों आपने फकीर की झोली भर दी।''
चुनावों के बीच क्या हुआ, मेरे लिए वो बात बीत चुकी है। हमें सबको साथ लेकर चलना है। घोर विरोधियों को भी देशहित में उन्हें साथ लेकर चलना है। इस प्रचंड बहुमत के बाद भी नम्रता के साथ लोकतंत्र की मर्यादाओं के बीच चलना है। संविधान हमारा सुप्रीम है, उसी के अनुसार हमें चलना है।
मैं देश को कहूंगा कि आपने 2014 में मुझ पर भरोसा किया, 2019 में ज्यादा जानने के बाद और ज्यादा ताकत दी। मैं इसके पीछे की भावना को भलीभांति समझता हूं। भरोसा जैसे बढ़ता है, जिम्मेवारी और ज्यादा बढ़ती है।
मैं देशवासियों से आज जरूर कहना चाहूंगा, इसे मेरा वादा-संकल्प-प्रतिबद्धता मानिए कि आपने जो मुझे फिर से काम दिया है, आने वाले दिनों में मैं बदइरादे, बदनीयत से कोई काम नहीं करूंगा।
विजयी भारत के लिए, जन जन का आभार।''