पीएम मोदी ने रखी मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट की आधारशिला, कहा- कोरोना संकट में देश रुका नहीं, आज प्रदेश के लिए है बहुत बड़ा दिन
By रामदीप मिश्रा | Published: July 23, 2020 11:20 AM2020-07-23T11:20:13+5:302020-07-23T11:20:13+5:30
Manipur Water Supply Project: इस परियोजना के तहत मणिपुर के 16 जिलों के 2,80,756 परिवारों के घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना कुछ इस तरह से तैयार की गई है जिससे कि ग्रेटर इम्फाल योजना क्षेत्र, 25 कस्बों और 1731 ग्रामीण बस्तियों के शेष बचे परिवारों को ताजा जल के एफएचटीसी मुहैया कराए जा सकें।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार (23 जुलाई) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मणिपुर जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि कोरोना के इस संकट काल में भी देश रुका नहीं है, देश थमा नहीं है। जब तक वैक्सीन नहीं आती, जहां कोरोना के खिलाफ हमें मजबूती से लड़ते रहना है वहीं विकास के कार्यों को भी पूरी ताकत से आगे बढ़ाना है।
पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार तो पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत को एक तरह से दोहरी चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है। नार्थ-ईस्ट में फिर इस साल भारी बारिश से बहुत नुकसान हो रहा है। अनेक लोगों की मृत्यु हुई है, अनेक लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। मणिपुर में कोरोना संक्रमण की गति और दायरे को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार दिन रात जुटी हुई है। लॉकडाउन के दौरान मणिपुर के लोगों के लिए जरूरी इंतजाम हों, या फिर उनको वापस लाने के लिए विशेष प्रबंध, राज्य सरकार ने हर जरूरी कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मणिपुर के करीब 25 लाख गरीब भाई-बहनों को मुफ्त अनाज मिला है। इसी तरह डेढ़ लाख से अधिक बहनों को उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर की सुविधा दी गई है। आज इंफाल सहित मणिपुर के लाखों साथियों के लिए, विशेषतौर पर हमारी बहनों के लिए बहुत बड़ा दिन है। लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की लागत से पूरे होने वाले मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होनी वाली हैं।
20 से 22 साल तक की जरूरतों ध्यान में रखा गयाः पीएम
पीएम ने कहा कि बड़ी बात ये भी है कि ये प्रोजेक्ट आज की ही नहीं बल्कि अगले 20-22 साल तक की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस प्रोजेक्ट से लाखों लोगों को घर में पीने का साफ पानी तो उपलब्ध होगा ही, हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। पिछले वर्ष जब देश में जल जीवन मिशन की शुरुआत हो रही थी, तभी मैंने कहा था कि हमें पहले की सरकारों के मुकाबले कई गुना तेजी से काम करना है। जब 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पानी पहुंचाना हो, तो एक पल के लिए भी रुकने के बारे में सोचा नहीं जा सकता।
मणिपुर के 16 जिलों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य
बता दें, इस परियोजना के तहत मणिपुर के 16 जिलों के 2,80,756 परिवारों के घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। बाह्य स्रोतों से वित्त पोषित 'मणिपुर जलापूर्ति परियोजना' कुछ इस तरह से तैयार की गई है जिससे कि ग्रेटर इम्फाल योजना क्षेत्र, 25 कस्बों और 1731 ग्रामीण बस्तियों के शेष बचे परिवारों को ताजा जल के घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) मुहैया कराए जा सकें। भारत में लगभग 19 करोड़ परिवार हैं। इनमें से केवल 24 फीसद के पास ही एफएचटीसी हैं। मिशन का उद्देश्य राज्य सरकारों, पंचायती राज संस्थानों और स्थानीय समुदायों सहित सभी हितधारकों की साझेदारी के जरिए 14,33,21,049 परिवारों को एफएचटीसी मुहैया कराना है।
परियोजना पर 3054 से अधिक का खर्च
परियोजना का परिव्यय न्यू डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित ऋण घटक के साथ लगभग 3054.58 करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार ने 1,42,749 परिवारों वाली 1,185 बस्तियों को कवर करने के उद्देश्य से एफएचटीसी के लिए मणिपुर को ‘‘जल जीवन मिशन’’ के तहत धनराशि उपलब्ध कराई है। मणिपुर सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग से प्राप्त धनराशि सहित वित्त पोषण के अतिरिक्त स्रोतों के जरिए शेष परिवारों को कवर करने की योजना बनाई है।