पीएम मोदी की सौगातः कृषि से जुड़ी सुविधाओं के लिए विशेष फंड लॉन्च, 8 करोड़ किसान परिवारों को ट्रांसफर की सम्मान निधि
By रामदीप मिश्रा | Published: August 9, 2020 12:00 PM2020-08-09T12:00:18+5:302020-08-09T12:05:07+5:30
पीएम ने कहा कि अगर किसान अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहे, तो वो कर सकता है। या फिर सीधे वेयरहाउस से, e-NAM से जुड़े व्यापारियों और संस्थानों को, जो भी उसको ज्यादा दाम देता है, उसके साथ फसल का सौदा किसान कर सकता है। स
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देशवासियों को बलराम जयंती, हलछठ, और दाऊ जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि बे देश में कृषि से जुड़ी सुविधाएं तैयार करने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का विशेष फंड लॉन्च किया गया है। इससे गांवों-गांवों में बेहतर भंडारण, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज की चेन तैयार करने में मदद मिलेगी और गांव में रोज़गार के अनेक अवसर तैयार होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि इसके साथ-साथ साढ़े 8 करोड़ किसान परिवारों के खाते में, पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 17 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर करते हुए भी मुझे बहुत संतोष हो रहा है। संतोष इस बात का है कि इस योजना का जो लक्ष्य था, वो हासिल हो रहा है। बीते डेढ़ साल में इस योजना के माध्यम से 75 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। इसमें से 22 हज़ार करोड़ रुपए तो कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान किसानों तक पहुंचाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसान और खेती से जुड़े इन सारे सवालों के समाधान ढूंढे जा रहे हैं। एक देश, एक मंडी के जिस मिशन को लेकर बीते 7 साल से काम चल रहा था, वो अब पूरा हो रहा है। पहले e-NAM के जरिए, एक टेक्नॉलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई। अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया। अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं।
Rs 17,000 crores of PM-Kisan Samman Nidhi have been deposited into bank accounts of 8.5 crore farmers with a single click. No middlemen or commission, it went straight to farmers. I am satisfied because the objective of the scheme is being fulfilled: Prime Minister Narendra Modi https://t.co/jFwTxAAi0Spic.twitter.com/s0depFZ24i
— ANI (@ANI) August 9, 2020
पीएम ने कहा कि अगर वो अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहे, तो वो कर सकता है। या फिर सीधे वेयरहाउस से, e-NAM से जुड़े व्यापारियों और संस्थानों को, जो भी उसको ज्यादा दाम देता है, उसके साथ फसल का सौदा किसान कर सकता है। स कानून का उपयोग से ज्यादा दुरुपयोग हुआ। इससे देश के व्यापारियों को, निवेशकों को, डराने का काम ज्यादा हुआ। अब इस डर के तंत्र से भी कृषि से जुड़े व्यापार को मुक्त कर दिया गया है: