रीवा सोलर पावर प्लांट परियोजना का उद्घाटन, पीएम मोदी ने कहा- 'रीवा ने रचा इतिहास, दिल्ली मेट्रो को भी होगा फायदा'
By विनीत कुमार | Published: July 10, 2020 01:31 PM2020-07-10T13:31:13+5:302020-07-10T13:31:50+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रीवा में 750 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया। पीएम ने इस मौके पर कहा कि देश अब सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक आकर्षक वैश्विक बाजार के रूप में उभरा है। पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के रीवा में 750 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य देश में स्वच्छ और किफायती ऊर्जा के केन्द्र में रूप में उभर कर सामने आएगा। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा, ‘सौर ऊर्जा भरोसेमंद, शुद्ध और सुरक्षित है और देश अब विश्व में सौर ऊर्जा उत्पादक शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है।’ मोदी ने कहा कि रीवा सौर ऊर्जा संयंत्र केवल मध्य प्रदेश को नहीं बल्कि दिल्ली मेट्रो को भी बिजली उपलब्ध कराएगा।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi dedicates to the nation the 750 MW Solar Project set up at Rewa, Madhya Pradesh, via video conferencing. pic.twitter.com/O7MCLH6Efb
— ANI (@ANI) July 10, 2020
पीएम ने कहा, 'आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम और सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को,उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा।'
पीएम ने साथ ही कहा, 'वर्तमान में ही नहीं, 'सोलर एनर्जी 21 सदी का उर्जा का माध्यम होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ये उर्जा निश्चित है, शुद्ध है और सुरक्षित है।'
पीएम नरेंद्र मोदी ने कही ये बड़ी बातें भी
- जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं-आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे हमारी ऊर्जा की, बिजली की ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है।
- जब हम आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, प्रगति की बात करते हैं तो इकोनॉमी उसका एक अहम पक्ष होता है।
- हम हम रिन्यूएबल एनर्जी के बड़े प्रोजेक्ट लॉन्च कर रहे हैं, तब हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि साफ-सुथरी ऊर्जा के प्रति हमारा संकल्प जीवन के हर पहलू में दिखे। हम कोशिश कर रहे हैं कि इसका लाभ देश के हर कोने, समाज के हर वर्ग, हर नागरिक तक पहुंचे।
- बिजली सभी तक पहुंचे, पर्याप्त बिजली पहुंचे। हमारा वातावरण, हमारी हवा, हमारा पानी भी शुद्ध बना रहे, इसी सोच के साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं। यही सोच सौर ऊर्जा को लेकर हमारी नीति और रणनीति में भी स्पष्ट झलकती है।
- जिस तरह से भारत में सोलर पावर पर काम हो रहा है, ये चर्चा और बढ़ने वाली है। ऐसे ही बड़े कदमों के कारण भारत को क्लीन एनर्जी का वैकल्पिक बाजार माना जा रहा है।
- दुनिया की, मानवता की, भारत से इसी आशा, इसी अपेक्षा को देखते हुए, हम पूरे विश्व को जोड़ने में जुटे हुए हैं। इसी सोच का परिणाम आइसा यानि इंटरनेशनल सोलर अलायंस है। वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड, के पीछे की यही भावना है।
रीवा सोलर प्लांट परियोजना की खास बातें
रीवा परियोजना में 250-250 मेगावॉट की तीन सौर उत्पादक इकाइयां हैं और यह सौर पार्क के अंदर 500 हेक्टेयर की जमीन पर स्थापित हैं। सौर पार्क को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा विकसित किया गया था। आरयूएमएसएल मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी है।
यह परियोजना सालाना लगभग 15 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी। यह दिल्ली मेट्रो को अपनी कुल उत्पादन का 24 प्रतिशत बिजली देगी जबकि शेष 76 प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को आपूर्ति की जाएगी।
रीवा परियोजना 100 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) की सौर स्थापित क्षमता के साथ 2022 तक 175 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने की भारत की कोशिश का हिस्सा भी है। ये परियोजना ग्रिड समता अवरोध को तोड़ने वाली देश की पहली सौर परियोजना भी है।
(भाषा इनपुट)