पीएम मोदी ने जाति आधारित भेदभाव खत्म करने की अपील की, वाराणसी के संत रविदास आश्रम पहुंचे
By भाषा | Published: February 19, 2019 02:16 PM2019-02-19T14:16:55+5:302019-02-19T14:17:23+5:30
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरू रविदास की जन्मस्थली पर विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखते हुए कहा, ‘‘सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को मिलना चाहिए, भले ही वे किसी भी जाति, पंथ से संबंध रखते हों।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से जाति के नाम पर भेदभाव समाप्त करने की अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि जातिवाद सामाजिक सौहार्द, एकता एवं समता हासिल करने की दिशा में एक रुकावट है।
संत रविदास जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन लोगों की पहचान करने की अपील की जो ‘‘निजी हित’’ के लिए जातिवाद को बढ़ावा देते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरू रविदास की जन्मस्थली पर विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखते हुए कहा, ‘‘सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को मिलना चाहिए, भले ही वे किसी भी जाति, पंथ से संबंध रखते हों।’’
Prime Minister Narendra Modi in Varanasi: Many steps have been taken to transform the railway in the last 4 & 1/2 years. Semi-high speed train, Vande Bharat that was made in India is an example of it. It is sad how this train is being targeted and made fun of by some people. pic.twitter.com/NtlobCIWkL
— ANI UP (@ANINewsUP) February 19, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं रविदास जयंती के अवसर पर उनके सभी अनुयायियों को बधाई देता हूं । मुझे आज बहुत प्रसन्नता है कि गुरू रविदास की कृपा और उनके आशीर्वाद से मैं अपना वादा निभाने आप सभी के बीच फिर से आया हूं। मुझे 2016 में आज ही के दिन यहां मत्था टेकने और लंगर चखने का अवसर मिला था।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैंने इस पूरे प्रांगण का सौंदर्यीकरण और विकास करने की बात कही थी। उसके बाद जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी, तो मैंने उनसे एक व्यापक परियोजना रिपोर्ट बनाने का आग्रह किया था। आप इसकी मांग दशकों से कर रहे थे। इसकी आवश्यकता यहां बरसों से थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पहले चरण में लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत से विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण करने की योजना बनाई गयी।’’
उन्होंने कहा, 'गुरूदेव कहा करते थे कि हर जाति, हर वर्ग, हर संप्रदाय, सभी को योजनाओं का एक जैसा लाभ मिलना चाहिए और मुझे संतोष है कि सभी को इनका लाभ मिल रहा है। संत रविदास इसी तरह का समाज चाहते थे, जहां जाति और वर्ग के आधार पर कोई भेदभाव न हो। उन्होंने कहा था कि जब तक जाति के नाम पर किसी के साथ भेदभाव होगा तब तक मनुष्य एक दूसरे से जुड़ नहीं पायेंगे, तब तक सामाजिक एकता एवं सामाजिक समरसता संभव नहीं होगी और समाज में समता नहीं आयेगी।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ यदि हम गुरूजी के दिखाये इस रास्ते पर पूरी ईमानदारी के साथ चलते, तो आज का भारत जातियों के नाम पर होने वाले अत्याचारों से मुक्त हो चुका होता, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा हो नहीं पाया। नया भारत इस स्थिति को बदलेगा।'
उन्होंने कहा, 'हमारे नौजवान साथी इस स्थिति को बदलेंगे। हमें उन लोगों को पहचानना होगा जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिये जातिवाद को बढ़ावा देते रहते हैं।’’
मोदी ने कहा, 'संत रविवास ने ऐसे समाज का सपना देखा था, जहां सभी का ध्यान रखा जाए। केंद्र सरकार पिछले साढ़े चार वर्ष से ‘सबका साथ सबका विकास’ के जरिए इसी मार्ग पर चलने की कोशिश कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ‘विकास की पंचधारा’ यानि बच्चों को पढाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिचांई और जन-जन की सुनवाई सुनिश्चित करने के लिये लगातार प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार का हर कदम, हर योजना गुरू रविदास की भावनाओं के अनुकूल है। गरीब परिवारों के हर घर को अपना शौचालय, हर परिवार को उज्जवला के तहत गैस का सिलेंडर, गरीब को मुफ्त में बिजली का कनेक्शन, गरीब के परिवार को पांच लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज, गरीब एवं मध्यम वर्ग के परिवारों को बिना गारंटी बैंक से मुद्रा योजना के तहत कर्ज, किसान के खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने से लेकर देश के लगभग 12 करोड़ गरीब किसानों को हर वर्ष छह हजार रूपये की सीधी मदद मुहैया कराई जा रही है। समाज के उपेक्षित रहे वर्गों को ऊपर उठाने के लिए कई योजनायें चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने नोटबंदी, बेनामी संपत्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई या कालेधन के खिलाफ सख्ती करके उस प्रवृत्ति को खत्म करने का प्रयास किया जिसे व्यवस्था का हिस्सा बना लिया गया था। देश में ‘सब चलता है’ की मानसिकता घर कर गयी थी। नये भारत में बेईमानी के लिये कोई स्थान नहीं हो सकता।’’ इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री काशी पुत्र भी हैं । विगत साढ़े चार साल में काशी के विकास के लिये अनेक योजनायें शुरू की गई हैं ।