पीएम मोदी ने योगी के कोरोना काल में किए कामों की तारीफ की, कहा- 'पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं गए, इतने संवेदनशील हैं'
By पल्लवी कुमारी | Published: June 26, 2020 12:40 PM2020-06-26T12:40:00+5:302020-06-26T12:40:00+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामिणों को संबोधित करते हुए कहा, आप सभी लोगों ने मिलकर यूपी को जिस तरह मुश्किल से संभाला है, आने वाले समय में राज्य का हर परिवार इसे याद रखेगा। उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम' का शुभारंभ किया। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना काल में किए कामों की प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि योगी जी के नेतृत्व में, जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया है, जिस तरह वो जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे।' पीएम मोदी ने कहा, आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब यूपी ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है। इसके लिए मैं यूपी के 24 करोड़ नागरिकों की सराहना करता हूं, नमन करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा, बीते दिनों योगी आदित्यनाथ जी के पिता जी का स्वर्गवास हुआ था। पिता जी की अंत्येष्टि में जाने के बजाए वो कोरोना से लोगों की जिंदगी बचाने के लिए जुटे रहे। उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए इतनी संवेदनशीलता उनमें है।
पीएम मोदी ने कहा- कोरोना पर उत्तर प्रदेश के आंकड़ों ने दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट को चकित किया
पीएम मोदी ने कहा, आपने जो किया है वो पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उत्तर प्रदेश के आंकड़ों ने दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट को चकित कर देने की अद्भुत क्षमता है। इस उपलब्धि को यूपी के लोग खुद महसूस कर रहे हैं, लेकिन आप अगर आंकड़े जानेंगे तो और भी हैरान हो जायेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, यूरोप के 4 बड़े देश इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, स्पेन 200—250 साल तक दुनिया में सुपर पावर रहे। आज भी इन देशों का दबदबा है। इन चारों देशों की जनसंख्या करीब 24 करोड़ है। यूपी की जनसंख्या भी करीब इतनी ही है। लेकिन कोरोना में इन चारों देशों में मिलाकर 1.3 लाख लोगों की मृत्यु हुई। जबकि उतनी ही जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में 600 लोगों की जान गई।
पीएम मोदी ने कहा, आज जब अन्य राज्य कोरोना से लड़ाई में जूझ रहे हैं, यूपी ने अपने विकास के लिए इतनी बड़ी योजना शुरू कर दी है। एक प्रकार से आपदा से बने हर अवसर को यूपी साकार कर रहा है। एक बार फिर आप सभी को, रोजगार के इन तमाम अवसरों के लिए बहुत-बहुत बधाई।
पीएम मोदी ने कहा-योगी सरकार ने युद्धस्तर पर काम किया
पीएम मोदी ने कहा, जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है, हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है! आज अगर हम अपने नागरिकों का जीवन बचा पा रहे हैं, तो ये भी बहुत संतोष की बात है।
पीएम मोदी ने कहा, योगी जी ने पहले की सरकारों की तरह काम नहीं किया। उनकी सरकार ने हालात की गंभीरता को समझा। ये देखते हुए उन्होंने और उनकी सरकार ने युद्धस्तर पर काम किया। क्वारंटीन सेंटर हो, आइसोलेशन की सुविधा हो, इसके निर्माण के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई।
यूपी में 2017 से पहले जिस तरह का शासन चल रहा था, जिस तरह की सरकारें चला करती थीं, उस हालात में, हम इन नतीजों की कल्पना भी नहीं कर सकते।
— BJP (@BJP4India) June 26, 2020
पहले वाली सरकारें होतीं, तो अस्पतालों की संख्या का बहाना बनाकर, बिस्तरों की संख्या का बहाना बनाकर, इस चुनौती को टाल देती: पीएम @narendramodi
पीएम मोदी ने कहा- यूपी में जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, उनके लिए भी राशन की दुकान के दरवाजे खोले गए
पीएम मोदी ने कहा, जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, उनके लिए भी यूपी सरकार ने सरकारी राशन की दुकान के दरवाजे खोल दिए। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश की सवा तीन करोड़ गरीब महिलाओं के जनधन खाते में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए भी सीधे ट्रांसफर किए गए।
पीएम मोदी ने कहा, आज उत्तर प्रदेश के लोगों का जीवन बच रहा है, सुरक्षित हो रहा है। ये सब उस स्थिति में हुआ जब देशभर से करीब 30 लाख से अधिक श्रमिक साथी, कामगार साथी, यूपी में पिछले कुछ हफ्तों में अपने गांव लौटे थे।
पीएम मोदी ने कहा, यूपी में 2017 से पहले जिस तरह का शासन चल रहा था, जिस तरह की सरकारें चला करती थीं, उस हालात में, हम इन नतीजों की कल्पना भी नहीं कर सकते। पहले वाली सरकारें होतीं, तो अस्पतालों की संख्या का बहाना बनाकर, बिस्तरों की संख्या का बहाना बनाकर, इस चुनौती को टाल देती।