लेह दौरे पर पीएम मोदी ने 14वीं कॉर्प कमांडर हरिंदर सिंह से अकेले में 15 मिनट बातचीत की, जानिए LAC पर ताजा स्थिति
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 5, 2020 07:20 AM2020-07-05T07:20:39+5:302020-07-05T10:24:54+5:30
चीन से वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हरिंदर सिंह ने पीएम मोदी को स्थिति से अवगत कराया। चीन से सैन्य वार्ता में तय हुआ है कि 10 दिन में चीन अपने सैनिकों को तनाव बिंदु से पीछे ले जाएगा और भारत इसकी गतिविधि पर करीबी नजर बनाए रखेगा।
पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। यहां उन्होंने थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी ने 14वीं कॉर्प कमांडर हरिंदर सिंह से निमू हेडक्वार्टर के बाहर अकेले में 15 मिनट तक बात की। चीन से वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हरिंदर सिंह ने पीएम मोदी को स्थिति से अवगत कराया। चीन से सैन्य वार्ता में तय हुआ है कि 10 दिन में चीन अपने सैनिकों को तनाव बिंदु से पीछे ले जाएगा और भारत इसकी गतिविधि पर करीबी नजर बनाए रखेगा।
हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि चीन सार्वजनिक तौर पर तो अपनी सेना हटाने की बात कहता है लेकिन ग्राउंड पर ऐसा दिखाई नहीं देता। रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट और ड्रोन इमेज में दिख रहा है कि गलवान नदी के किनारे चीनी सेना के टेंट ठंडे पानी के बहाव में डूब गए। यहां तेजी से बर्फ पिघलने से नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नदी के किनारे कोई भी स्थिति खतरनाक होगी। एक वरिष्ठ मिलिट्री कमांडर के मुताबिक गलवान, गोगरा, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग त्सो में चीनी सेना की मौजूदा स्थिति लंब समय तक बरकरार नहीं रह सकती।
चीन का रुख देखते हुए पूर्वी लद्दाख में भारत ने एलएसी पर पूरी क्षमता में सैनिकों की तैनाती की है। अगले हफ्ते तक भारतीय नेवी की स्टील पैट्रोल बोट भी पैंगोंग त्सो पहुंच जाएंगी। इन पैट्रोल बोल का ऊपरी हिस्सा काट दिया जाएगा जिससे उन्हें सी-17 हैवी ट्रांसपोर्टर से लेह तक पहुंचाया जा सके। ये पैंगोंग त्सो झील में चीन के भारी भरकम पैट्रोल बोट का मुकाबला करने के लिए मंगवाई जा रही हैं।
निमू बेस में पीएम मोदी को चीनी सेना की तैनाती और मौजूदी स्थिति से जुड़ी सारी जानकारी दी गई। इसके बाद पीएम मोदी ने लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से सीधी बातचीत की और उन्हें साफ दिशा-निर्देश दिए। सिंधु नदी के तट पर 11,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है। यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है।
मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ने लद्दाख में अपनी भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत मित्रता की भावना का सम्मान करता है लेकिन यदि कोई उसकी भूमि पर आंख उठाकर देखता है तो वह इसका उचित जवाब देने में भी सक्षम है।
गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत के वीर सपूतों ने दिखा दिया कि वे कभी भी मां भारती के गौरव को आंच नहीं आने देंगे। प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है।