पीएम मोदी ने अंडमान निकोबार के तीन द्वीपों के नाम बदले, रॉस द्वीप होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप
By भाषा | Published: December 30, 2018 11:54 PM2018-12-30T23:54:16+5:302018-12-30T23:56:05+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को रविवार को श्रद्धांजलि देते हुए अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के तीन द्वीपों के नाम बदलने की घोषणा की।
मोदी ने एक भाषण के दौरान कहा कि रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा जाएगा, नील द्वीप को अब से शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा।
ये तीनों द्वीप प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
इससे पहले दिन में मोदी ने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और ऊर्जा, संपर्क, पर्यटन एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
आजाद हिंद फौज की टोपी पहने हुए उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा यहां तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर नेताजी स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, “जब स्वतंत्रता संघर्ष के नायकों की बात आती है, हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम गर्व से लेते हैं। आजाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री सुभाष बाबू ने अंडमान की मिट्टी पर भारत की आजादी का संकल्प लिया था।”
उन्होंने कहा, “देश अंडमान से प्रेरणा लेता है। इसलिए सरकार ने एक अधिसूचना जारी की और मैं गर्व के साथ यह घोषणा करता हूं कि रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के नाम से जाना जाएगा। नील द्वीप को शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा।”
1943 में आज ही के दिन बोस ने सुझाव दिया था कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का नाम बदल कर क्रमश: शहीद एवं स्वराज द्वीप रखा जाए। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापानियों ने इस द्वीपसमूह पर कब्जा कर लिया था और नेताजी यहां आए थे क्योंकि उनके नेतृत्व वाली आजाद हिंद फौज जापानी बलों की सहयोगी थी।
उन्होंने कहा, “30 दिसंबर 1943 की ऐतिहासिक घटना 75 साल बाद आज पूरी हुई।”
इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट, ‘फर्स्ट डे कवर’ और 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया।
साथ ही उन्होंने बोस के नाम पर एक मानद विश्वविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की।
इस कार्यक्रम से पहले मोदी काला पानी के नाम से प्रसिद्ध सेलुलर जेल भी गए जहां वीर सावरकर, बाबा भान सिंह, इंदु भूषण रॉय जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों को सालों तक प्रताड़ित किया गया था।
इससे पहले मोदी ने यहां मरीना पार्क का दौरा किया और 150 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यहां उन्होंने पार्क में स्थित नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।