PM किसान योजना में 110 करोड़ के घोटाले का खुलासा, 80 कर्मचारी बर्खास्त किए गए, 30 सस्पेंड
By विनीत कुमार | Published: September 9, 2020 12:28 PM2020-09-09T12:28:23+5:302020-09-09T12:34:53+5:30
तमिलनाडु में पीएम किसान योजना के तहत करोड़ो रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। मामला सामने आने के बाद कई कर्मचारियों और अधिकारियों पर गाज गिरी है। ये सबकुछ उनकी मिलीभगत से हो रहा था।
तमिलनाडु सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना में एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है। इसके तहत धोखाधड़ी कर 110 करोड़ रुपये से अधिक निकासी की गई है। यह सब कुछ सरकारी अधिकारियों और कुछ स्थानीय राजनेताओं की मदद से अंजाम दिया गया।
तमिलनाडु के प्रमुख सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने बताया मीडिया से बात करते हु एकहा कि अगस्त में नाटकीय रूप से कई लोगों को इस योजना में जोड़ा गया। एक जांच में फिर ये खुलासा हुआ कि कृषि विभाग में कुछ अधिकारियों ने ऑनलाइन आवेदन अनुमोदन प्रणाली का उपयोग किया और कई लाभार्थियों को अवैध रूप से जोड़ा था।
बताया जा रहा है कि इसमें जो सरकारी अधिकारी शामिल थे, उन्होंने कुछ ब्रोकर्स जो नए लाभार्थियों को जोड़ने के लिए आईडी और पासवर्ड मुहैया कराए। इन अधिकारियों को हर नए लाभार्थी को जोड़ने पर दो-दो हजार रुपये दिए गए।
80 अधिकारी और कर्मचारी बर्खास्त, 34 निलंबित
गगनदीप सिंह बेदी ने बताया है कि कृषि योजनाओं से जुड़े 80 अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही 34 अन्य को निलंबित भी किया गया है। एजेंट के तौ पर पहचान किए गए 18 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। सरकार ने 110 करोड़ रुपये में से 32 करोड़ रुपये की वसूली भी कर ली है और बाकी के पैसे भी अगले 40 दिनों में वापस आ जाएंगे।
दरअसल, ये स्कैम उस समय सामने आया जब पीएम स्कीम में अचानक लाभार्थियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ने लगी। इससे अधिकारियों के शक हुआ।
तमिलनाडु में कुड्डलोर, कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, तिरुवन्नमलाई, वेल्लोर, रानीपेट, सलेम, धर्मापुरी, कृष्णगिरि और चेंगलपेट जिले ऐसे थे, जहां ये घोटाले हो रहे थे। दिलचस्प ये रहा कि अधिकांश नए लाभार्थी जिनके नाम जोड़े गए थे, उन्हें इसके बारे में जानकारी ही नहीं थी।
इससे पहले अगस्त के अंतिम सप्ताह में प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत धन के वितरण में भ्रष्टाचार के आरोप में कालाकुरिची में दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था।