मनमोहन सिंह ने की मोदी सरकार की आलोचना तो पीयूष गोयल बोले, 'वे जवाब दें उन्हें हर आदेश 10 जनपथ से क्यों लेना पड़ता था?'
By विनीत कुमार | Published: October 17, 2019 03:22 PM2019-10-17T15:22:28+5:302019-10-17T15:22:28+5:30
मनमोहन सिंह ने इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए मौजूदा सरकार पर निशाना साधा था। महाराष्ट्र में पीएमसी बैंक घोटाले का भी मनमोहन सिंह ने मुद्दा उठाया था।
भारत की अर्थव्यवस्था की हालत पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पलटवार किया है। मनमोहन सिंह के बीजेपी के 'डबल इंजन मॉडल' की सरकार के फेल होने की टिप्पणी पर पीयूष गोयल ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री को अपनी सरकार के दौरान नाकामी पर जवाब देना चाहिए और बताना चाहिए कि वे असहाय क्यों थे और हर आदेश उन्हें 10 जनपथ से क्यों लेना पड़ता था।
नरेंद्र मोदी सरकार में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'डॉक्टर मनमोहन सिंह को अपनी नाकामी को जाहिर करना चाहिए। वे कहां गलत थे, क्यों वह एक मजबूत अर्थव्यवस्था नहीं बनाये रख सके और ईमानदार सरकार नहीं दे सके। वह इतना क्यों असहाय थे कि उन्हें हर बार 10 जनपथ से आदेश लेना पड़ता था और उनमें अपना कोई फैसला लेने की क्षमता नहीं थी।'
Union Minister Piyush Goyal: Dr Manmohan Singh should reflect on his own failures,where he went wrong, why he couldn't maintain a strong economy&give an honest government,why he was so helpless that he had to obey orders from 10 Janpath &had no capacity to take his own decisions. https://t.co/3wetzzkybUpic.twitter.com/Mdb7h8lQeq
— ANI (@ANI) October 17, 2019
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह ने गुरुवार को महाराष्ट्र में (पंजाब एंड सिंध बैंक) पीएमसी बैंक घोटाले को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला। साथ ही मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी मनमोहन सिंह ने निशाना साधा। मनमोहन सिंह ने कहा, 'महाराष्ट्र भर मे कारोबारी धारणा काफी कमजोर, कई इकाइयां बंद हुईं हैं। पिछले पांच साल में महाराष्ट्र में सबसे अधिक कारखाने बंद हुए।'
मनमोहन सिंह ने साथ ही कहा कि आर्थिक सुस्ती, सरकार की उदासीनता से भारतीयों के भविष्य और आकांक्षाओं पर असर पड़ रहा है। मनमोहन ने कहा, 'निचली मुद्रास्फीति की सनक से किसानों पर संकट, सरकार की आयात-निर्यात नीति से भी समस्यायें खड़ी हो रही हैं। केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार लोगों के अनुकूल नीतियां नहीं अपनाना चाहती है। बीजेपी की सरकार केवल विपक्ष पर दोष मढ़ने में जुटी है, समाधान ढूंढने में यह सरकार लगातार विफल हुई है।'
निर्मला सीतारमण ने भी मनमोहन सिंह को बताया था 'जिम्मेदार'
इससे एक दिन पहले बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक बयान सामने आया था। निर्मला ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के दौर को जिम्मेदार ठहाराया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह और राजन का कार्यकाल सरकारी बैंकों के लिए 'सबसे बुरा दौर' था।
सीतारमण ने मंगलवार को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में एक व्याख्यान में कहा कि सभी सार्वजनिक बैंकों को 'नया जीवन' देना आज मेरा पहला कर्तव्य है। वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं रघुराम राजन का एक महान विद्वान के रूप में सम्मान करती हूं। उन्हें उस समय केंद्रीय बैंक में लिया गया जब भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी के दौर में थी।' आरबीआई के पूर्व गवर्नर राजन की मोदी सरकार पर टिप्पणी को लेकर सीतारमण ने कहा कि राजन के दौर में ही बैंक लोन से जुड़ी काफी दिक्कतें थी।