गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और गंभीर तौर पर बीमार लोग बहुत जरूरी हो तभी करें श्रमिक ट्रेनों से यात्रा: पीयूष गोयल
By विनीत कुमार | Published: May 29, 2020 12:09 PM2020-05-29T12:09:30+5:302020-05-29T12:27:42+5:30
हाल के दिनों में श्रमिक ट्रेनों से जुड़ी कई परेशान करने वाली खबरें सामने आई हैं। कुछ यात्रियों के यात्रा के दौरान मौत और ट्रेनों के रास्ता भटकने संबंधी खबरों के बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर लोगों से जरूरी होने पर ही यात्रा करने को कहा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोगों से अपील की है कि गंभीर रूप से बीमार, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग श्रमिक ट्रेन से तभी यात्रा करें जब बहुत जरूरी हो। गोयल ने ये बात हाल में रेलवे की ओर से चलाई जा रही श्रमिक ट्रेनों की बदहाली और उससे जुड़ी मीडिया में रोज आ रही कई खबरों के बीच कही है।
भारतीय रेलवे इन ट्रेनों को लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह नगर पहुंचाने के लिए चला रहा है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में इन ट्रेनों से जुड़ी कई परेशान करने वाली खबरें भी सामने आई हैं, जिसके बाद रेलवे को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, 'मैं अपील करता हूं कि जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं, गर्भवती महिलाएं, 65 साल की उम्र से ज्यादा के लोग और 10 साल से कम उम्र के बच्चे तभी श्रमिक ट्रेनों में यात्रा करे, जब बहुत जरूरी हो। रेलवे परिवार हर यात्री की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए प्रतिबद्ध है।'
I appeal to people suffering from serious ailments, pregnant women & those above 65 years & below 10 years of age to travel only when necessary in Shramik Trains.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 29, 2020
Railway Parivaar is committed to ensuring safety of all passengers. #SafeRailwayshttps://t.co/eRur29eKPHpic.twitter.com/imH7JMkYJn
बता दें कि इस हफ्ते सोमवार से गुरुवार तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में वापस अपने घर लौट रहे 9 लोगों की मौत की खबरें आई हैं। दिल को दहला देने वाली एक घटना में बिहार में रेलवे प्लेटफॉर्म पर एक बच्चा अपनी मृत मां को जगाने का प्रयास कर रहा था। बाद में रेलवे ने इस पर सफाई कदी कि महिला पहले से गंभीर रूप से बीमार थी।
श्रमिकों को उनके गृह राज्य में भेजने के लिए एक मई से आरंभ गैर वातानुकूलित ट्रेनों में कुछ मौत पहले भी हुई थी। रेलवे ने बुधवार को कहा कि अधिकतर मौतों के मामले में मृतक पहले से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे थे।
ऐसे ही बुधवार सुबह वाराणसी रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में दो प्रवासी श्रमिक मृत पाए गए। उत्तर-पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता अशोक कुमार ने बताया कि ट्रेन मुंबई में लोकमान्य तिलक टर्मिनस से वाराणसी में मंडुआडीह स्टेशन पहुंची थी। उनमें से एक की पहचान उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी दशरथ प्रजापति (30) के तौर पर हुई। वह दिव्यांग थे और मुंबई में किडनी संबंधी परेशानी का उन्होंने उपचार कराया था।
सूरत-हाजीपुर ट्रेन में भी 58 वर्षीय श्रमिक उत्तर प्रदेश के बलिया में मृत पाए गए। कानपुर में झांसी-गोरखपुर ट्रेन में दो प्रवासी श्रमिक मृत मिले। एक की पहचान राम अवध चौहान (45) के तौर पर हुई। दूसरे श्रमिक की पहचान नहीं हो पायी। मध्य प्रदेश में वापी-दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन ट्रेन में बहराइच के निवासी शेख सलीम का शव मिला।
लॉकडाउन में रास्ता भटक रहीं ट्रेनें
इन घटनाओं के बीच ट्रेनों द्वारा लंबी दूरी तय करने और तय रूट से कही और चले जाने की भी खबरें आती रही हैं। यात्री आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी पहले से नहीं दी जाती है। इससे यात्रा और कष्टकारी हो जाता है। हालांकि इस पर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कुछ रूट पर ज्यादा दबाव है और इसलिए ऐसा हो रहा है।