हिम्मत है तो बिहार में RSS को बैन कर दो, लालू के बयान पर गिरिराज सिंह का पलटवार- आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है, क्या लालू...
By अनिल शर्मा | Published: September 29, 2022 07:06 AM2022-09-29T07:06:10+5:302022-09-29T08:10:06+5:30
लालू प्रसाद यादव की इस टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उसने राजद प्रमुख पर वोट बैंक और छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने का आरोप लगाया।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लालू प्रसाद यादव के आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने चाहिए वाले बयान को लेकर पलटवार किया है। भाजपा नेता ने कहा कि लालू की याददाश्त कमजोर हो गई है। गिरिराज ने कहा कि बिहार में राजद की सरकार है और हिम्मत है तो आरएसएस को बैन कर दें।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को एक हिंदू चरमपंथी संगठन बताते हुए बुधवार को कहा था कि इसपर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। लालू प्रसाद यादव के इस बयान पर पलटवार करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि ये वही लालू प्रसाद यादव हैं जो पहली बार मुख्यमंत्री बने तो इसी आरएसएस और भाजपा गा गुणगान कर रहे थे।
गिरिराज सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा- लालू यादव जी की याददाश्त कमजोर हो गई है, 1990 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब वे इस आरएसएस और बीजेपी का गुणगान कर रहे थे। आज वोट बैंक की जरूरत है तो पीएफआई की तारीफ कर रहे हैं।
गिरिराज यहीं नहीं रुके। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि बिहार में उनकी सरकार है, हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन कर दो।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमे आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है, क्या लालू यादव कह सकते हैं कि वह PFI के सदस्य हैं?
लालू यादव जी की याददाश्त कमजोर हो गई है, 1990 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब वे इस आरएसएस और बीजेपी का गुणगान कर रहे थे, आज वोट बैंक की जरूरत है तो पीएफआई की तारीफ कर रहे हैं।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 28, 2022
पीएफआई बैन हुआ तो लालू यादव ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरएसएस हिंदू चरमपंथी संगठन है जिसपर पहले प्रतिबंध लगना चाहिए । सन् 1997 में राजद की स्थापना के बाद से राजद का नेतृत्व कर रहे प्रसाद के अगले महीने फिर इस पद पर चुने जाने की संभावना है। लालू की इस टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उसने राजद प्रमुख पर वोट बैंक और छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने का आरोप लगाया।
भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘ लालू जी का लक्ष्य पीएफआई का समर्थन कर अपने मुस्लिम आधार को मजबूत करना है। इसी कारण से वह आरएसएस और उसके सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आदर्श के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रखते हैं।’’ सन् 1990 में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को रोककर उन्हें गिरफ्तार करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद ने यह भी दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पार्टी का सफाया हो जाएगा ।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आतंकी फंडिंग को लेकर मंगलवार देर रात पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया। इसे गैरकानूनी संस्था करार दिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, पीएफआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने पीएफआई के अलावा इसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन पर भी प्रतिबंध लगाया है।