पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर गरमाई राजनीति, किसानों ने भी उठाया मुद्दा
By शीलेष शर्मा | Published: December 5, 2020 08:40 PM2020-12-05T20:40:46+5:302020-12-05T20:43:08+5:30
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की तेजी के बीच देश की सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल का भाव 27 पैसे और डीजल का भाव 25 पैसे प्रति लीटर तेज कर दिया है।
नयी दिल्ली: पेट्रोल, डीज़ल के दामों लगातार हो रही वृद्धि को लेकर मोदी सरकार कठघरे में खड़ी हो गयी है। एक तरफ आंदोलनकारी किसान डीज़ल के दामों में कटौती की मांग पर अड़े हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठा कर मार्च 2020 के बाद से बढ़ाई गयी कीमतों को हटाने की मांग की है ,पार्टी ने मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि हर रोज़ पेट्रोल -डीज़ल की कीमतों को नहीं रोका गया तो कांग्रेस विरोध करने के लिये सड़कों पर उतरेगी।
कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार एक व्यापारी की तरह पेट्रोल ,डीज़ल से मुनाफ़ा कमाने में जुटी है। सुरजेवाला ने आंकड़े देते हुये कहा कि सरकार ने अब तक 1900000 करोड़ की रकम एक्सार्साइज़ ड्यूटी बढ़ाकर से कमाई है. दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें घट रहीं हैं लेकिन भारत में कीमतों में इज़ाफा हो रहा है। जो मुद्दे कांग्रेस उठा रही है ,आंदोलनकारी किसानों ने भी अपनी मांगों में इस मुद्दे को शामिल किया है।
बता दें कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की तेजी के बीच देश की सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल का भाव 27 पैसे और डीजल का भाव 25 पैसे प्रति लीटर तेज कर दिया है। इस बढ़ोतरी से दिल्ली में पेट्रोल 82.86 रुपये से बढ़ कर 83.13 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जो दो साल का उच्चतम स्तर है। इसी तरह डीजल 73.07 रुपये की जगह 73.32 रुपये लीटर हो गया है।
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की तेजी के बीच घरेलू तेल कंपनिया 20 नवंबर से डीजल और पेट्रोल के भावों में 13 बार वृद्धि कर चुकी है। दिल्ली में पेट्रोल इन 16 दिनों में 2.07 रुपये और डीजल 2.86 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। वैश्विक बाजार में कच्चा तेल अक्टूबर के अंत से अब तक 34 प्रतिशत महंगा हो चुका है। 30 अक्टूबर को ब्रेंट क्रूड का भाव प्रति बैरल 36.9 डॉलर था, जो 4 दिसंबर को 49.5 डॉलर पर था। बाजार को लगता है कि कोविड19 का टीका मिल जाने के बाद अब दुनिया में कारोबार तेज होगा और ईंधन की मांग बढ़ेगी।