राजस्थान: कोटा में सैकड़ों नवजात बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, निष्पक्ष जांच की उठी मांग
By पल्लवी कुमारी | Published: January 22, 2020 12:47 PM2020-01-22T12:47:18+5:302020-01-22T12:47:18+5:30
कोटा के अस्पताल में 35 दिनों में 112 बच्चों की मौत के पीछे के प्रमुख कारणों में ठंड के मौसम के अलावा चीन के घटिया चिकित्सा उपकरण, भ्रष्टाचार और कमीशन की वजह सामने आई है।
राजस्थान में 2019 के नवंबर और दिसंबर में कोटा और अन्य जिलों में सैकड़ों नवजात बच्चों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। दायर याचिका में इसके लिए निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। डॉक्टर केके अग्रवाल और समाजसेवी बी. मिश्रा की ओर से दाखिल याचिका में रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच कराने की मांग की गई है। राजस्थान के कोटा में सिर्फ 100 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी।
कोटा के अस्पताल में 35 दिनों में 112 बच्चों की मौत के पीछे के प्रमुख कारणों में ठंड के मौसम के अलावा चीन के घटिया चिकित्सा उपकरण, भ्रष्टाचार और कमीशन की वजह सामने आई है।
The petition was filed by lawyer Shashank Deo Sudhi, for petitioners - Dr KK Aggarwal and social worker B Mishra. https://t.co/SHQlWtVam3
— ANI (@ANI) January 22, 2020
कोटा में बच्चों की मौत पर सचि पायलट ने कहा था- हमें और संवेदनशील होना चाहिए था
कोटा के जे के लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में परोक्ष रूप से अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा था, “जे के लोन अस्पताल में 107 बच्चों की मौत हुई है। यह बहुत दर्दनाक है। मैं ऐसा मानता हूं कि इस मामलें को लेकर जो हम लोगो की प्रतिक्रिया रही है वो किसी हद तक संतोषजनक भी नहीं है। हमें और अधिक संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए था।”
सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा के शासन के दौरान लगभग 100 शिशुओं की मौत होती थी और यह कांग्रेस के शासन में कम हो गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने भी जेके लोन अस्पताल का दौरा किया था और भाजपा पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी को पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी और बच्चों की मौतों पर दुख व्यक्त किया था। बिड़ला ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को उनके घरों पर जाकर सांत्वना दी थी।