उज्जैन में साधु-संतों के लिए स्थायी आश्रम योजना: हरिद्वार की तर्ज पर धार्मिक शहर का विकास होगा

By बृजेश परमार | Updated: October 21, 2024 12:01 IST2024-10-21T12:00:12+5:302024-10-21T12:01:22+5:30

हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में साधु-संतों और अखाड़ों के लिए स्थायी आश्रम बनाने की एक विशेष योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत समस्त अखाड़े, साधु-संत, महामंडलेश्वर और अखाड़ा परिषद के अध्यक्षों को यहां स्थायी रूप से आश्रम बनाने के लिए भूमि आवंटित की जाएगी।

Permanent Ashram Scheme for Sadhus and Saints in Ujjain Religious city will be developed on lines of Haridwar | उज्जैन में साधु-संतों के लिए स्थायी आश्रम योजना: हरिद्वार की तर्ज पर धार्मिक शहर का विकास होगा

उज्जैन में साधु-संतों के लिए स्थायी आश्रम योजना: हरिद्वार की तर्ज पर धार्मिक शहर का विकास होगा

Highlightsयोजना का उद्देश्य धार्मिक आयोजनों और कथाओं के लिए साधु-संतों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराना है मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अल्प सूचना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा कीशहर के बुनियादी ढांचे में स्थायी निर्माण कार्यों पर जोर दिया जाएगा

उज्जैन: हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में साधु-संतों और अखाड़ों के लिए स्थायी आश्रम बनाने की एक विशेष योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत समस्त अखाड़े, साधु-संत, महामंडलेश्वर और अखाड़ा परिषद के अध्यक्षों को यहां स्थायी रूप से आश्रम बनाने के लिए भूमि आवंटित की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य धार्मिक आयोजनों और कथाओं के लिए साधु-संतों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराना है, जिससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।

सिंहस्थ मेला कार्यालय में सोमवार सुबह मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अल्प सूचना पर  प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि उज्जैन में आने वाले समय में सिंहस्थ 2028 के आयोजन को ध्यान में रखते हुए, शहर के बुनियादी ढांचे में स्थायी निर्माण कार्यों पर जोर दिया जाएगा। पहले अस्थायी रूप से बनने वाली सड़कों और अन्य निर्माण कार्यों के बजाय अब स्थायी रूप से निर्माण करने की योजना बनाई जा रही है ताकि बारिश के बाद भी संरचनाएं खराब न हों। उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से इस योजना को साकार किया जाएगा।

योजना के तहत साधु-संतों को पांच बीघा जमीन आवंटित की जाएगी, जिसमें से केवल एक बीघा पर निर्माण कार्य करने की अनुमति होगी, जबकि शेष भूमि को खुला रखना होगा। इसके अलावा, उज्जैन में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल जैसी बुनियादी सेवाएं भी रहेंगी, लेकिन साधु-संतों को भूमि आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।

शहर में विकास योजनाओं के साथ ही उज्जैन-देवास-इंदौर-फतेहाबाद के बीच वंदे मातरम सर्कल ट्रेन चलाने की स्वीकृति भी दी जा चुकी है, जिससे क्षेत्र की यातायात सुविधाओं में सुधार होगा। वहीं, दताना मताना स्थित एयरपोर्ट को भी विकसित किया जाएगा और उज्जैन में 24 घंटे हवाई सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

साधु-संतों और अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया जनप्रतिनिधियों द्वारा की जाएगी, जो महामंडलेश्वरों और अखाड़ा परिषद से संपर्क कर आवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगे। इस बड़े धार्मिक अभियान का उद्देश्य उज्जैन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में और भी समृद्ध बनाना है।

Web Title: Permanent Ashram Scheme for Sadhus and Saints in Ujjain Religious city will be developed on lines of Haridwar

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