गुजरात से विशेष ट्रेन से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे लोगों ने बाहर निकलकर माथा टेका, कहा-छोड़ चुके थे उम्मीद

By एस पी सिन्हा | Published: May 6, 2020 07:05 PM2020-05-06T19:05:49+5:302020-05-06T19:11:20+5:30

सरकार के आदेश के आलोक में बाहर से आए इन लोगों को तत्काल क्वारंटाइन सेंटर पर रखा जा रहा है. ट्रेन से लौटे लोगों ने अपनी पीड़ा का इजहार करते हुए कहा कि अहमदाबाद में दिन-रात मायूसी और बेबसी में कट रही थी.

People who reached Muzaffarpur Junction by special train from Gujarat exited the junction and said they had left hope | गुजरात से विशेष ट्रेन से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे लोगों ने बाहर निकलकर माथा टेका, कहा-छोड़ चुके थे उम्मीद

ट्रेन से लौटे लोगों ने अपनी पीड़ा का इजहार करते हुए कहा कि अहमदाबाद में दिन-रात मायूसी और बेबसी में कट रही थी.

Highlightsमुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे लोगों ने सरजमीं को माथा टेककर नमन किया.ट्रेन से उतरने के बाद सभी की जंक्शन पर स्क्रीनिंग हुई.

पटना: गुजरात से विशेष ट्रेन से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे लोगों ने जंक्शन से बाहर निकले तो बस में सवार होने से पहले अपनी सरजमीं को माथा टेककर नमन किया. जंक्शन पर उतरते ही उनकी आंखों से आंसू छलक आए. ये आंसू अपने घर वापस आने की खुशी के थे. यहां पहुंचते ही उनके चेहरे खुशी से खिल उठे और लॉकडाउन में वहां की पीड़ा को भूल गए. ट्रेन से उतरने के बाद सभी की जंक्शन पर स्क्रीनिंग हुई.

हालांकि सभी के चेहरे पर घर वापसी के बाद अपनों से तत्काल नहीं मिल पाने का मलाल देखा जा रहा है. सरकार के आदेश के आलोक में बाहर से आए इन लोगों को तत्काल क्वारंटाइन सेंटर पर रखा जा रहा है. ट्रेन से लौटे लोगों ने अपनी पीड़ा का इजहार करते हुए कहा कि अहमदाबाद में दिन-रात मायूसी और बेबसी में कट रही थी. घर वापसी का इंतजार था. जैसे-जैसे दिन बीत रहे थे, उम्मीद भी खत्म हो रही थी. एक ओर खाने-पीने का संकट तो दूसरी ओर कोरोना से संक्रमित होने का भय सता रहा था. 

एक माह से घरों में ही कैद थे. कुछ इसी तरह की पीड़ा गुजरात से विशेष ट्रेन से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे सभी लोगों ने सुनाई. सभी को प्रशासन ने अलग-अलग बसों से उनके गृह जिला भेजा. जंक्शन पर उतरते ही उनकी आंखों से आंसू छलक आए. ये आंसू अपने घर वापस आने की खुशी के थे. यहां पहुंचते ही उनके चेहरे खुशी से खिल उठे और लॉकडाउन में वहां की पीड़ा को भूल गए. वापस लौटे लोगों ने कहा कि वहां कोरोना का संक्रमण वहां तेजी से फैलने लगा. इसी बीच लॉकडाउन की घोषणा हो गई.  कंपनी बंद कर दी गई. बाजार बंद हो गए. इससे खाने-पीने की भी परेशानी हो गई. एक महीने से जिंदगी कमरे में कैद होकर रह गई थी. यहां घरवाले भी परेशान थे.

लोगों ने कहा कि वहां किसी तरह जिदंगी कट रही थी. हम लोग तो घर लौटने की उम्मीद भी छोड़ चुके थे. इसी बीच सरकार ने हमारा दर्द समझा. घर आने के लिए विशेष ट्रेन चलने की घोषणा हुई तो फिर अपनों से मिलने की आस जागी. प्रवासियों ने कहा कि वहां रेलवे स्टेशन पर 720 रुपये का प्रति व्यक्ति टिकट कटाया. ट्रेन में केवल शारीरिक दूरी के पालन की व्यवस्था थी. इसके अलावा अन्य किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं था. दो दिनों का सफर सभी यात्रियों ने किसी तरह किया, लेकिन घर लौटने की खुशी में सफर की पीड़ा का पता ही नहीं चला.

Web Title: People who reached Muzaffarpur Junction by special train from Gujarat exited the junction and said they had left hope

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