चंपावत में भूस्खलन के कारण फंसे लोग, धामी ने उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

By भाषा | Published: July 21, 2021 11:47 PM2021-07-21T23:47:41+5:302021-07-21T23:47:41+5:30

People stranded due to landslide in Champawat, Dhami visits disaster-hit areas of Uttarakhand | चंपावत में भूस्खलन के कारण फंसे लोग, धामी ने उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

चंपावत में भूस्खलन के कारण फंसे लोग, धामी ने उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

देहरादून, 21 जुलाई उत्तराखंड के चंपावत जिले में टनकपुर—घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगातार बारिश से कई स्थानों पर हुए भूस्खलन के कारण करीब दो दर्जन लोग अब भी फंसे हुए हैं, वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया ।

टनकपुर—घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर विश्रामघाट में भूस्खलन के कारण यातायात अवरूद्ध होने से फंसे लोगों के लिए चंपावत जिला प्रशासन द्वारा ठहरने और भोजन-पानी की व्यवस्था की गई है। मलबे को साफ कर मार्ग खोलने का कार्य किया जा रहा है ।

चंपावत के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पांडे ने बताया कि लगातार बारिश के दौरान मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर आठ स्थानों पर पहाडों से हुए भूस्खलन के चलते यातायात बंद हो गया था जिससे करीब 150 लोग फंस गए थे ।

उन्होंने बताया कि इनमें से ज्यादातर लोगों को देवीधुरा के रास्ते हल्द्वानी भेज दिया गया जबकि करीब दो दर्जन लोग अब भी अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मार्ग से मलबा साफ होने का इंतजार कर रहे हैं ।

पांडे ने बताया कि सात स्थानों पर मंगलवार शाम तक वाहनों का आवागमन सुचारू कर दिया गया लेकिन विश्रामघाट में भारी मलबा आने तथा लगातार बारिश होने से मार्ग अभी साफ नहीं हो पाया है ।

उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर बनलेख चौकी के पास भूस्खलन होने से एक केंटर और एक कार के खाई में गिरने से घायल हुए पांच यात्रियों को प्रशासन द्वारा अस्पताल में भर्ती कराए जाने के अलावा उनमें से प्रत्येक को 4300 रू की सहायता राशि दी गयी है ।

चंपावत जिले में बाराकोट तहसील के रोनीगाड में बारिश के दौरान एक महिला बह गयी जिसकी खोज के लिए भी तलाश और बचाव अभियान चलाया जा रहा है ।

मुख्यमंत्री धामी उत्तरकाशी में बादल फटने से प्रभावित गांवों मांडौ और कंकराडी की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को वहां पहुंचे और प्रभावितों को सरकार से हर संभव मदद का भरोसा दिया ।

यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के साथ मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने मांडौ और कंकराडी गांवों के लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं ।

उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करा गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए ।

इस दौरान, मुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ितों को आपदा राहत की मदद से चार लाख रू के अतिरिक्त एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दिये जाने की भी घोषणा की

मांडौ गांव में रविवार देर रात बादल फटने से एक बालिका समेत एक परिवार की तीन महिलाओं की मृत्यु हो गयी थी जबकि निकटवर्ती कंकराडी गांव में एक व्यक्ति लापता हो गया था । बुधवार को उसका शव साडा गांव से बरामद हो गया जिसके साथ ही घटना में मरने वालों की संख्या चार हो गई।

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