125 साल पहले भारत में बना था इस महामारी के लिए पहला टीका, कोरोना के टीके के बीच लोगों को आया याद

By भाषा | Published: April 1, 2020 02:22 PM2020-04-01T14:22:07+5:302020-04-01T15:01:06+5:30

जेजे अस्पताल के रेजीडेंट मेडिकल अधिकारी डॉक्टर रेवत कानिन्दे ने कहा कि इस इमारत को देखते हुए और इसकी समृद्ध विरासत और हाफ्किन के समृद्ध अनुसंधान याद आते हैं।

People remember plague vaccine amid Corona virus vaccine | 125 साल पहले भारत में बना था इस महामारी के लिए पहला टीका, कोरोना के टीके के बीच लोगों को आया याद

वालदेमार हाफ्किन ने बुबोनिक प्लेग के टीके पर अनुसंधान किया था। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsदुनियाभर में कोरोना से 35,000 लोगों की मौत और 7.5 लाख से ज्यादा लोगों के संक्रमित हो चुके हैं।इस बीच लोग प्लेग को खत्म करने वाले टीका और उसके लिए भारत में किए गए उनके अनुसंधान को याद कर रहे हैं।

मुंबई। ऐसे समय जब दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक 35,000 लोगों की मौत और 7.5 लाख से ज्यादा लोगों के संक्रमित हो चुके हैं, डॉक्टर बुबोनिक प्लेग को खत्म करने वाले जीवाणुविद् वालदेमार हाफ्किन के टीका और उसके लिए भारत में किए गए उनके अनुसंधान को याद कर रहे हैं।

अनुसंधानकर्ताओं का यह भी कहना है कि सरकारी संपत्तियों का इस्तेमाल मूर्ति और स्मारक बनाने की जगह चिकित्सीय अनुसंधान और शिक्षा पर किया जाना चाहिए। रूस के रहने वाले हाफ्किन ने भारत में 22 साल बिताए थे और उन्होंने सरकारी ग्रांट मेडिकल कॉलेज एवं सर जेजे अस्पताल की इमारत में बुबोनिक प्लेग के टीके पर अनुसंधान किया था।

इस टीके ने लाखों लोगों की जिंदगियों को बचाया, जिससे पूरे मानवता की सेवा हुई। उन्हें कॉलरा का टीका बनाने का भी श्रेय दिया जाता है। कोरोना वायरस की वजह से इस शताब्दी की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही दुनिया को हाफ्किन का अनुसंधान याद आ रहा है।

जेजे अस्पताल के रेजीडेंट मेडिकल अधिकारी डॉक्टर रेवत कानिन्दे ने कहा कि इस इमारत को देखते हुए और इसकी समृद्ध विरासत और हाफ्किन के समृद्ध अनुसंधान याद आते हैं। उन्हें इस बात का दुख है कि अभी तक इस वायरस का कोई टीका नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘125 साल पहले एक व्यक्ति रूस से यहां आया और वैज्ञानिक सोच के साथ ऐतिहासिक काम किया।’’ उन्होंने कहा कि मूर्तियों और स्मारकों पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बदले अनुसंधान और शिक्षा पर धन खर्च होना चाहिए।

जेजे हॉस्पिटल के जिस कमरे में हाफ्किन ने टीका बनाया अब उस कमरे का इस्तेमाल एमबीबीएस के दूसरे वर्ष के छात्रों को विख्यान दिए जाने में किया जाता है। सरकार ने ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जेजे हॉस्पिटल इमारत की दीवार पर हाफ्किन के सम्मान में एक बोर्ड लगाया गया, जिसका उद्घाटन 27 अगस्त 1971 को तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरि ने किया था।

ग्रांट मेडिकल कॉलेज में इस साल मई में अपना 175 वां स्थापना दिवस मना रहा है और इसमें अतिथि के रूप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी बुलाने की योजना है, लेकिन अभी इसके कर्मी कोरोना वायरस से निपटने में लगे हैं।

Web Title: People remember plague vaccine amid Corona virus vaccine

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे