लद्दाख में क्यों उठ रही छठी अनुसूची की मांग? जिसे लेकर वांगचूक ने की भूख हड़ताल, आज महारैली का आयोजन

By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 31, 2023 02:34 PM2023-01-31T14:34:56+5:302023-01-31T14:34:56+5:30

लद्दाख अपने अधिकारों को सुरक्षित करना चाहता है। वह लोग विशेषाधिकार तथा पर्यावरण सुरक्षा चाहते हैं।

people of Ladakh are unhappy over making the state a union territory people want Ladakh should get full statehood | लद्दाख में क्यों उठ रही छठी अनुसूची की मांग? जिसे लेकर वांगचूक ने की भूख हड़ताल, आज महारैली का आयोजन

फाइल फोटो

Highlights लद्दाख की जनता राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से नाखुश है।राज्य की जनता चाहती है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले।पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जनता विरोद प्रदर्शन करने को मजबूर है।

लद्दाखकेंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में इन दिनों अपने अधिकारों के लिए विरोध तेज हो गया है। संविधान की छठी अनुसूची के तहत संरक्षण की मांग को लेकर सोनम वांगचुक अनशन पर बैठे हुए हैं। बर्फीले पहाड़ों के बीच लद्दाख में वांगचुक के अनशन को सैकड़ो लोगों ने अपना समर्थन दिया है। 

गौरतलब है जो केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा 30 सालों के आंदोलन के बाद बर्फीले रगिस्तान लद्दाख के लोगों ने 5 अगस्त 2019 को पाया था वह उन्हें रास नहीं आ रहा है। नतीजतन बर्फीले रेगिस्तान में आग के शोले केंद्र सरकार की अनदेखी और कथित उपनिवेशवाद की रणनीति भड़का रही है। लद्दाख जहां लेह और करगिल जिले शामिल हैं। प्रदेश को पुनः राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आज आधे दिन की हड़ताल भी रखी गई है। दोपहर बाद एक महा रैली का आयोजन भी होना है। इन सबका मकसद वे चार सूत्रीय मांगें हैं जिनसे लद्दाखी कई बार केंद्र सरकार को अवगत करवा चुके हैं।

लद्दाख अपने अधिकारों को सुरक्षित करना चाहता है। वह लोग विशेषाधिकार तथा पर्यावरण सुरक्षा चाहते हैं। इसके लिए थ्री इडियटस से प्रसिद्ध हुए सोनम वांगचुक पांच दिनों तक बर्फ के ऊपर माइन्स 20 डिग्री तापमान में क्लाइमेट फास्ट भी कर चुके हैं। उनके साथ प्रशासन द्वारा किए गए कथित व्यवहार के कारण लद्दाख की जनता का गुस्सा और भड़क गया है।

लेह जिले के आलची के पास उलेयतोकपो में जन्मे 56 वर्षीय वांगचुक सामुदायिक शिक्षा के अपने मॉडल के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं। रेमन मैग्सेसे अवार्ड पा चुके वांगचुक लद्दाख क्षेत्र को विशेष अधिकारों और पर्यावरणीय सुरक्षा की मांग के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि हिमालयी क्षेत्र को बचाने के लिए लद्दाख को विशेष दर्जे की जरूरत है।

भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत जातीय और जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्त जिला परिषदों और क्षेत्रीय परिषदों के अपने-अपने क्षेत्रों के लिए कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। फिलहाल भारत के चार राज्य मेघालय असम, मिजोरम और त्रिपुरा के दस जिले इस अनुसूची का हिस्सा हैं। 

लद्दाख जनता और वांगचुक की मांग है कि लद्दाख को भी इस अनुसूची के तहत विशेषाधिकार दिए जाएं। पिछले पांच दिन के उपवास के दौरान वांगचुक की मांगों को भारी समर्थन मिला है। भारतीय जना पार्टी को छोड़कर बाकी सभी दलों ने उनकी मांगों का समर्थन किया है।

Web Title: people of Ladakh are unhappy over making the state a union territory people want Ladakh should get full statehood

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