खोरी गांव में मकान टूटने की आशंका से लोग सदमे में, एक व्यक्ति ने की आत्महत्या
By भाषा | Published: June 17, 2021 06:46 PM2021-06-17T18:46:06+5:302021-06-17T18:46:06+5:30
(बुजुर्ग की आयु में संशोधन और अतिरिक्त सामग्री के साथ)
फरीदाबाद, 17 जून उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद फरीदाबाद के गांव खोरी में मकान टूटने की खबरों से करीब 10 हजार परिवार सदमे में हैं और इस बीच एक बुजुर्ग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बुजुर्ग का शव लेने पहुंची पुलिस पर पथराव के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि खोरी निवासी 65 वर्षीय गणेशीलाल ने मंगलवार को पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
सूरजकुंड थाने के एडिशनल एसएचओ राजेश बागड़ी ने बताया कि पुलिस कर्मी जब गणेशीलाल के शव को लेने पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने उन पर पथराव कर दिया। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
गणेशीलाल के परिजनों ने दावा किया कि वह उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मकान टूटने की आशंका से मानसिक तनाव में थे और इस कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली।
लोगों का कहना है कि गांव में करीब दस हजार परिवार हैं जिन्होंने अपनी तमाम पूंजी मकान बनवाने में लगा दी और अब मकान टूटने का खतरा सिर पर मंडराने से वे सदमे में हैं।
उधर, उच्चतम न्यायालय ने खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमित की गई जमीन पर करीब 10,000 आवासीय निर्माणों को हटाने के लिए हरियाणा सरकार और फरीदाबाद नगर निगम को दिए अपने आदेश पर बृहस्पतिवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा, “ हम अपनी वन भूमि खाली चाहते हैं।”
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने राज्य और नगर निकाय को इस संबंध में उसके सात जून के आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत उस आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें गांव में आवासीय ढांचों को तोड़ने पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था।
न्यायालय ने सात जून को राज्य और फरीदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया था कि गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में सभी अतिक्रमण हटाया जाए और छह हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट सौंपी जाए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।