सर्वे: पुलवामा के बाद 49% लोग आतंकवाद से निपटने में मोदी को मानते हैं बेहतर जबकि 15 फीसदी राहुल को मानते हैं काबिल
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 22, 2019 10:11 PM2019-02-22T22:11:00+5:302019-02-22T22:11:00+5:30
पुलवामा हमले में देश के 40 जवान शहीद होने के बाद से हर किसी के अंदर रोष है। जबकि प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी साफ कह चुके हैं इस शहादत का बदला जरूर लिया जाएगा।
पुलवामा हमले में देश के 40 जवान शहीद होने के बाद से हर किसी के अंदर रोष है। जबकि प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी साफ कह चुके हैं इस शहादत का बदला जरूर लिया जाएगा। वहीं, कश्मीर और आतंकवाद को लेकर और प्रधानमंत्रियो के मुकाबके मोदी की नीतियां ज्यादा बेहत कही जा रहा हैं। मोदी की इन नीतियों पर मुहर हाल ही में एक्सिस माई इंडिया की ओर से इंडिया टुडे के लिए कराए गए पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) सर्वे में हुआ था।
कौन पीएम है आतंकवाद से लड़ने में काबिल
ये सर्वे पुलवामा हमले के बाद किया गया है। सर्वे में लोगों से सवाल किया गया है कि आतंकवाद से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त नेता किसे मानते हैं तो 49% ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया। खास बात है कि केवल राहुल गांधी को सिर्फ 15% प्रतिभागियों ने आतंकवाद से निपटने के लिए सबसे बेहतर बताया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 3% प्रतिभागियों ने नाम लिया। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव में हर किसी का 1-1% प्रतिभागियों ने नाम लिया है।
किस हिस्से में नेता सबसे सक्षम?
सर्वे में दक्षिण के हिस्से में लोग मोदी पर थोड़ा कम भरोसा करते हैं जबकि बाकी सभी हिस्सों के लोगों ने मोदी को ही आतंकवाद से निपटने में सबसे उपयुक्त नेता माना है। देश के उत्तर, पूर्व और पश्चिम के लोगों में मोदी बहुत बड़े फासले के साथ राहुल गांधी से ज्यादा भरोसे के काबिल समझे जाते हैं। जबकि उत्तर में 59% , पूर्व में 52% और पश्चिम में 57% ने मोदी को आतंकवाद से निपटने में सबसे सही नेता माना है। वहीं दक्षिण में ऐसा नजारा नहीं दिखा वहां 36% लोगों ने राहुल को आतंकवाद से निपटने में सबसे अच्छा नेता कहा. यहां मोदी के पक्ष में सिर्फ 29% को इसके काबिल माना।
पाकिस्तान पर मोदी का एक्शन
पाकिस्तान को लेकर मोदी ही सबसे सही एक्शन ले सकते हैं और उनकी ही नीतिया सबके पुख्ता हैं ये करीब 47 फीसदी लोगों ने माना है। जबकि मनमोहन सरकार की नीति को 22% प्रतिभागियों ने बेहतर माना है।
सर्जिकल स्ट्राइक नहीं अब युद्ध
खास बात ये है कि अब ज्यादातर लोग युद्ध चाहते हैं। पुलवामा के बाद ज्यादा के बाद लोग सर्जिकल स्ट्राइक नहीं बल्कि युद्ध है।