लोगों में मौजूदा संसद भवन को तोड़ कर नयी इमारत बनाने की धारणा उभर रही है, यह ग़लत हैः पुरी
By भाषा | Published: September 18, 2019 01:28 PM2019-09-18T13:28:27+5:302019-09-18T13:28:27+5:30
हम सब को इस बात का एहसास है कि यह ऐतिहासिक इमारत अभी की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है इसलिए बदलती ज़रूरतों के मुताबिक़ इसके पुनर्निर्माण की योजना बनायी गई है। अभी इसके लिये वैश्विक स्तर पर ‘आइडिया’ आमंत्रित किये गये हैं।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नये भारत’ की परिकल्पना के मुताबिक़ भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये 2030 तक देश के 70 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में पुनर्निर्माण किया जाएगा।
पुरी ने “सार्वजनिक क्षेत्र के भवन निर्माण में उभरती तकनीक” विषय पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडबल्यूडी) द्वारा आयोजित संगोष्ठी में कहा कि भविष्य की आवास और अन्य ज़रूरतों को पूरा करने में मौजूदा व्यवस्था नाकाफ़ी है।
उन्होंने कहा कि 2030 तक देश की 60 फ़ीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में स्थानांतरित होने के अनुमान को देखते हुये 70 फ़ीसदी शहरी क्षेत्र का पुनर्निर्माण करने की ज़रूरत है और इसके लिए मंत्रालय ने तैयारी पूरी कर ली है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके लिए भवन निर्माण क्षेत्र में नयी तकनीकों की मदद से मौजूदा इमारतों को भविष्य की ज़रूरतों के मुताबिक़ बनाने के अलावा नयी इमारतों को भी इसी के अनुरूप बनाया जायेगा। पुरी ने संसद भवन की पुनर्निर्माण योजना का ज़िक्र करते हुये स्पष्ट किया, “कुछ लोगों में मौजूदा संसद भवन को तोड़ कर नयी इमारत बनाने की धारणा उभर रही है, यह ग़लत है।
हम सब को इस बात का एहसास है कि यह ऐतिहासिक इमारत अभी की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है इसलिए बदलती ज़रूरतों के मुताबिक़ इसके पुनर्निर्माण की योजना बनायी गई है। अभी इसके लिये वैश्विक स्तर पर ‘आइडिया’ आमंत्रित किये गये हैं।”
संगोष्ठी में मौजूद आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा के पुनर्निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिये सकारात्मक सोच वाले इंजीनियर और अधिकारियों की टीम बनायी जा रही है।
उन्होंने कहा, “हर्बर्ट बेकर और लुटियन की बनायी नयी दिल्ली को अब नए रूप में सीपीडब्ल्यूडी और अधिक भव्यता के साथ बनाएगी जो नए भारत का स्वरूप बनकर उभरेगी।”