अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोग नये जम्मू कश्मीर का निर्माण कर रहे हैं:उपराज्यपाल
By भाषा | Published: January 26, 2021 06:50 PM2021-01-26T18:50:09+5:302021-01-26T18:50:09+5:30
जम्मू, 26 जनवरी कश्मीर को पवित्र और मनोरम स्थान बताने वाले प्राचीन ग्रंथ राजतरंगिणी का हवाला देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि गांवों और शहरों में रहने वाले सभी लोगों ने अपनी एवं राष्ट्र की आकांक्षा को पूरा करने के लिए एक नये जम्मू कश्मीर का निर्माण शुरू कर दिया है।
उपराज्यपाल ने सभी नागरिकों को भरोसा दिलाया कि पड़ोसी देश के नापाक मंसूबों को महान लोगों एवं योद्धाओं की इस धरती पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को पूरे जम्मू क्षेत्र में पारंपरिक उत्साह के साथ 72 वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस अवसर पर उपराज्यपाल ने जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रध्वज फहराया। उन्होंने परेड की सलामी ली।
उन्होंने कहा, ‘‘2020 जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व बदलाव का साल रहा है। परिवर्तन की एक निरंतर प्रक्रिया के जरिए नये जम्मू कश्मीर में प्रगति के बीज बोये गये हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा एजेंसियों ने हिंसा को प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया है और जो लोग इस छद्म युद्ध में अपने राजनीतिक मंसूबे पूरे करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’
उन्होंने 12 वीं सदी की कल्हण राजतरंगिणी की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर की हवाओं में संतों के स्वर गूंजते हैं और इसके पर्वतों में सूफी संगीत बसता है। इसकी मिट्टी में कला है इसकी नदियों में कमल जैसा प्रकाश है। ’’
उपराज्यपाल ने कहा कि कल्हण ने लिखा है, ‘‘मैंने ऐसा नगर नहीं देखा, जहां के आकाश में ग्रह स्पष्ट रूप से दिखते हों।’’
उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध सूफी संत अमीर खुसरों के इन शब्दों को भला कौन भूल सकता है, ‘‘अगर फ़िरदौस बर-रू-ए-ज़मीं अस्त ! हमीं अस्त ओ हमीं अस्त ओ हमीं अस्त। ’’ इसका अर्थ होता है, ‘‘यदि धरती पर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, वह यहीं है, वह यहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं पुलिस और सुरक्षा बलों के शहीद कर्मियों की बहादुरी के आगे शीश झुकाता हूं।
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