पेगासस जासूसी मामलाः कांग्रेस का दावा-तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की जासूसी हुई, ट्वीट कर पीएम मोदी पर साधा निशाना
By अभिषेक पारीक | Published: July 25, 2021 03:23 PM2021-07-25T15:23:47+5:302021-07-25T15:36:25+5:30
कांग्रेस ने पेगासस मामले में तृणमूल सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को लेकर के एक पोस्ट की है। जिसमें कांग्रेस ने दावा किया है कि अभिषेक बनर्जी की भी जासूसी करवाई गई थी।
पेगासस जासूसी मामले में केंद्र की मोदी सरकार को लेकर कांग्रेस लगातार हमला कर रही है। कांग्रेस ने पेगासस मामले में तृणमूल सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को लेकर के एक पोस्ट की है। जिसमें कांग्रेस ने दावा किया है कि अभिषेक बनर्जी की भी जासूसी करवाई गई थी। साथ ही कांग्रेस ने बताया है कि ऐसा क्यों किया गया।
कांग्रेस ने अपनी पोस्ट में दावा किया है कि तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की जासूसी करवाई गई है। कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसे लेकर के एक पोस्ट की गई है और कई सवालों के जवाब दिए गए हैं। कांग्रेस ने ट्विट किया, 'आप क्रोनोलॉजी समझिए। पेगासस स्पाईवेयर में टारगेट कौन? अभिषेक बनर्जी, ममता बनर्जी के भतीजे। कब? 2021 में। क्यों? पश्चिम बंगाल इलेक्शन के कारण। मोदी सरकार का डर अंतहीन है।' इस पोस्ट का कैप्शन देते हुए कांग्रेस ने लिखा है, 'प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शत्रुओं को करीब रखो की कहावत को ज्यादा गंभीरता से ले लिया है।'
PM Modi took the adage, "keep your enemies closer" a little too far. #PegasusSnoopgatepic.twitter.com/YfaIP2rH44
— Congress (@INCIndia) July 25, 2021
प्रशांत किशोर के साथ बैठकों की जासूसी-ममता
ममता बनर्जी 26 जुलाई को दिल्ली आ रही हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगी। ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि प्रशांत किशोर के साथ उनकी बैठकों की भी जासूसी करवाई गई थी। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
300 मोबाइल फोन्स की जासूसी की गई
पेगासस जासूसी मामले में अभी तक कई लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक संघ ने करीब सप्ताह भर पहले बताया था कि पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से भारत में 300 मोबाइल फोन्स की जासूसी की गई थी। इनमें केंद्रीय मंत्रियों, पत्रकारों, जज, विपक्ष के नेता और अन्य प्रमुख लोग बड़ी संख्या में शामिल थे। पेगासस स्पाईवेयर की रिपोर्ट संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले आई थी, जिसके बाद हंगामा मच गया था।