पेगासस जासूसी मामले में आरोपों की जांच के लिए बनेगी कमेटी, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
By विनीत कुमार | Published: August 16, 2021 11:56 AM2021-08-16T11:56:05+5:302021-08-16T12:05:36+5:30
Pegasus Spyware: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि पेगासस जासूसी मामला अटकलों, अनुमानों और मीडिया की अपुष्ट खबरों पर आधारित हैं। केंद्र ने कहा कि उसकी ओर के कोई जासूसी नहीं कराई गई है।
पेगासस जासूसी मामले पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आरोपों की जांच विशेषज्ञों की एक कमेटी की ओर से की जाएगी। केंद्र की ओर से ये बात सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को कही गई।
साथ ही सरकार ने पेगासस जासूसी मामले से किसी तरह के कनेक्शन की बातों से भी इनकार किया है। सरकार की ओर से मामले में इन जवाबों के साथ दो पन्नों का हलफनामा दायर किया गया है। केंद्र ने कहा कि उसकी तरह से किसी तरह की जासूसी नहीं कराई गई है।
केंद्र ने कहा कि कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच की मांग करने वाली याचिकाएं अटकलों, अनुमानों और मीडिया की अपुष्ट खबरों पर आधारित हैं।
Centre files affidavit before the Supreme Court and says that it will set up a committee of experts to examine the issue of alleged Pegasus snooping
— ANI (@ANI) August 16, 2021
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली विभिन्न याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई। याचिका दायर करने वालों में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकार एन. राम व शशि कुमार शामिल हैं।
चीफ जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ मामले में सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने दस अगस्त को कथित पेगासस जासूसी की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर 'समानांतर कार्यवाही और बहस' पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि अनुशासन और न्याय प्रणाली में विश्वास होना चाहिए।
कोर्ट ने साथ ही कहा था कि पेगासस विवाद की जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी करने के बारे में 16 अगस्त को फैसला किया जाएगा। साथ ही उसने इस बात पर जोर दिया था कि वह बहस के खिलाफ नहीं है, लेकिन जब मामला शीर्ष अदालत में लंबित है तो इस पर यहीं विचार किया जाना चाहिए।