पेगासस जासूसी संबंधी खबरें मनगढंत, काल्पनिक और बगैर साक्ष्यों के: भाजपा

By भाषा | Published: July 22, 2021 06:39 PM2021-07-22T18:39:35+5:302021-07-22T18:39:35+5:30

Pegasus spy news fabricated, fictitious and without evidence: BJP | पेगासस जासूसी संबंधी खबरें मनगढंत, काल्पनिक और बगैर साक्ष्यों के: भाजपा

पेगासस जासूसी संबंधी खबरें मनगढंत, काल्पनिक और बगैर साक्ष्यों के: भाजपा

नयी दिल्ली, 22 जुलाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कथित इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये भारतीयों की कथित जासूसी संबंधी कहानी ‘‘मनगढंत, काल्पनिक और बगैर साक्ष्य के’’ है और इस पर अधारित खबरें ‘‘मानहानि’’ को दावत देने वाली हैं।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल और पेगासस परियोजना से संबंधित मानवाधिकार समूहों ने कथित जासूसी के संभावित निशानों की सूची होने से इंकार किया है।

यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘फर्जी’’ सूची यहां वहां से संग्रह किए गए मोबाइल नंबरों पर आधारित है, उनका इस्तेमाल ‘‘पीत पत्रकारिता’’ के लिए किया जा रहा है।

वह उन खबरों का जिक्र कर रही थी जिनमें कथित तौर पर कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित अनेक भारतीयों की निगरानी संबंधी खबरें छपी हैं।

हालांकि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह पेगासस प्रोजेक्ट के नतीजों के साथ ‘‘स्पष्ट रूप से खड़ा है’’ और आंकड़े अकाट्य रूप से एनएसओ ग्रुप के पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के संभावित लक्ष्यों के साथ जुड़े हैं।

एमनेस्टी इंटरनेशनल की यह टिप्पणियां तब आयी हैं जब मीडिया में आयी कुछ खबरों में कुछ इजराइली पत्रकारों के हवाले से कहा गया है कि मानवाधिकार समूह ने दावा किया है कि उसने यह कभी नहीं कहा कि हाल में लीक हुए फोन नंबर खासतौर से उन नंबरों की सूची में थे, जो पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के निशाने पर थे।

लेखी ने पत्रकारों से कहा कि 10 देशों के नाम सामने आए हैं जहां इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि इन देशों के विपक्षी दलों ने वैसा रवैया नहीं अपनाया जैसा भारत में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस जैसे दल अपना रहे हैं।

ज्ञात हो कि इस मुद्दे पर विपक्षी दल मानसून सत्र के पहले दिन से हंगामा कर रहे हैं और संसद की कार्यवाही में व्यवधान डाल रहे हैं।

गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।

लेखी ने दावा किया, ‘‘यह कोई खबर नहीं है... क्योंकि यह मनगढंत, काल्पनिक और साक्ष्यों से परे है। ऐसी खबरें फर्जी और मानहानि को दावत देने वाली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘छपी हुई खबरें उन नंबरों की सूची पर आधारित हैं जो किसी भी डायरेक्ट्री (निर्देशिका) में उपलब्ध हों। एमनेस्टी ने भी इस सूची से इंकार किया है और कहा है कि इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। पेगासस सॉफ्वेयर बनाने वानी कंपनी एनएसओ ने भी कहा कि ये दावे अपुष्ट हैं और उसके ग्राहक संबंधी आंकड़ों से मेल नहीं खाते।’’

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि पेगासस विवाद का संबंध उस संसदीय समिति की रिपोर्ट से जुड़ा है जिसकी वह अध्यक्ष रह चुकी है और जिसने व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक की समीक्षा की थी।

उन्होंने बताया कि समिति की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंप दी गई है और उसे संसद की मंजूरी दी जाने वाली है।

‘‘डेटा संरक्षण देश में कानून बनने जा रहा है। यह मामला इसी से जुड़ा है। भारत को संस्थागत तरीके से कमजोर करने की यह साजिश है। यह भारत के मान व सम्मान को गिराने की साजिश है।’’

भाजपा प्रवक्ता ने राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य द्वारा कार्यवाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीन लेने और उसके टुकड़े कर हवा में लहरा देने की घटना की निंदा की और इसके लिए तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।

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Web Title: Pegasus spy news fabricated, fictitious and without evidence: BJP

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